नई दिल्ली. संसद का बजट सत्र सोमवार सुबह एक बार फिर हंगामे के साथ शुरू हुआ, विपक्षी सांसदों ने प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान हुई भगदड़ के मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. यह भगदड़ पिछले सप्ताह हुई थी, जिसमें 30 लोगों की जान चली गई थी.
विपक्षी सांसदों का आरोप है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने इस घटना पर उचित प्रतिक्रिया नहीं दी और मृतकों की सही संख्या को छिपाने की कोशिश की. सांसदों का गुस्सा उस समय और बढ़ गया जब उन्हें लगा कि सरकार घटना की गंभीरता को नजरअंदाज कर रही है. वे सदन के वेल में जाकर कुंभ पर जवाब दो के जोरदार नारे लगाने लगे, यह मांग करते हुए कि मृतकों की सूची सार्वजनिक की जाए.
मरने वालों की संख्या छुपाने का आरोप
विपक्षी सांसदों का कहना था कि मरने वालों की संख्या को सरकार जानबूझकर दबा रही है, और उनकी ओर से घटना की पूरी जानकारी देने की मांग उठाई गई. उनके अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार ने घटनास्थल पर हुई मौतों की पुष्टि में घंटों की देरी की, जिससे यह संदेह उत्पन्न हुआ कि सरकार जानबूझकर वास्तविक आंकड़े छिपा रही है. इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में व्यवस्था बनाए रखने का आह्वान किया और विपक्षी सांसदों पर आरोप लगाया कि वे सदन की कार्यवाही को चलने नहीं दे रहे हैं. वहीं, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भी सांसदों से अनुरोध किया कि वे कार्यवाही को शांतिपूर्ण तरीके से चलने दें.
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