भावना गढ़िया
कक्षा-12
कपकोट, बागेश्वर
उत्तराखंड
हम स्कूल के न तो टॉपर हैं,
और न ही कोई बैकबेंचर,
हां, अब समझ आया है,
हम हैं स्कूल में बीच के बंदर,
पढ़ाई तो कर लेते हैं,
जैसे तैसे पास भी हो लेते हैं,
डर बोर्ड एग्जाम का नहीं,
हमें तो घर वालों का होता है,
बोलेंगे तुमसे अच्छा तो उनका बेटा है,
क्लास में हमेशा टॉप आता है,
क्या करें किसी की तारीफ पसंद नहीं,
सोच रहे हैं कोई बिजनेस करें,
जब करेंगे तो तुम्हे भी बुलाएंगे,
इतना मत सोचो, कविता ही भिजवाएंगे,
अभी चलती हूँ, घर वालों के ताने सुनती हूँ।।
चरखा फीचर्स
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