MP: शिकारियों का गिरोह, आटे से बनाए गए जानवरों के अंग को असली बताकर बेचता रहा, बाघ की मूंछ-पूंछ बताकर पकड़ा देते थे सुअर के बाल

MP: शिकारियों का गिरोह, आटे से बनाए गए जानवरों के अंग को असली बताकर बेचता रहा

प्रेषित समय :14:38:27 PM / Wed, Feb 12th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

पलपल संवाददाता, जबलपुर/डिंडोरी. एमपी के डिंडोरी जिला के पड़रिया शहपुरा में जबलपुर एसटीएफ की टीम के हत्थे चढ़े शिकारियों व तस्कर गिरोह के सदस्यों के बारे में एक नया खुलासा हुआ है. गिरोह के आटो से बने जानवरों के अंगों को असली बताकर बेच देते थे. इतना ही नहीं बाघ की पूंछ व मूंछ बताकर सुअर के बाल बेच रहे थे.

अधिकारियों की माने तो शिकारियों द्वारा जंगली सुअर व अन्य जानवरों को बाघ की पूंछ व मूंछ के बाल बताकर ताबीज बनाते और लोगों को मंहगे दामों में थमा देते थे. गिरोह के सदस्यों ने करीब आठ माह पहले असम से बाघों के नकली दांत मंगाए थे, जिनके बरामद होने के बाद पुलिस अब इनसे पूछताछ करने में जुटी है. क्योंकि गिरोह के पास से ९४० किलो गांजा भी बरामद किया गया है. ये गांजा व बाघों के नकली दांत कहां कहां पर सप्लाई करना थे. स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स के अधिकारियों का कहना है कि पिछले दिनों महाराष्ट्र के चंद्रपुर से शिकारियों को गिरफ्तार किया था. जिनका संबंध मध्यप्रदेश के पारधी गिरोह से था.

जब आरोपियों से पूछताछ की गई तो पता चला कि गिरोह के तार डिंडौरी के पडरिया कला में पारधी समुदाय के डेरे से जुड़े है, इसके बाद स्टेट टाइगर फोर्स, एसटीएफ व एसटीएसएफ ने मिलकर ९ फरवरी को पड़रिया कला के जंगल में दबिश दी. जहां पर तलाशी के दौरान तस्करों के डेरे से बाघ के १३  दांत, गोह के प्राइवेट मिले, जिसे आटे से बनाया गया था. इसी तरह जब दांत की जांच कराई गई तो पता चला कि दांतों को हार्ड प्लास्टिक से बनाया गया था. यहां से टीम को तलवार, जंगली जानवरों को फंसाने वाला फंदा, करंट लगाने वाले तार व ४४ जिंदा प्रेशर बम भी मिले है.

अधिकारियों का कहना है कि बमों को आटे के बीच फंसाकर रख देते थे, जैसे ही जंगली जानवर इस चबाते तो बम धमाके के साथ फट जाता और जानवर की मौत हो जाती थी. इसके पहले भी पारधियों के डेरे से 40 जिंदा बम बरामद किए जा चुके है. प्राणियों को फंसाने वाला फंदाए करंट लगाकर मारने वाले तार और ४४ जिंदा प्रेशर बम भी मिले हैं. अधिकारियों का कहना है कि गिरोह द्वारा जंगली जानवरों का शिकार कर बड़े तस्करों को बेचते रहे, वहीं नकली दांत व बाल बेचकर अंधविश्वास को मानने वाले लोगों को मूर्ख बनाते रहे हैं. यहां तक कि नकली दांत व बाल की कीमत २५ से ३० हजार रुपए तक वसूल की जाती थी. इनके कब्जे से भारी मात्रा में ताबीज भी बरामद हुए है, जिसमें जंगली सुअर के बाल सहित अन्य वन्य प्राणियों के बाल भरकर रखे गए थे.

इन राज्यों में फैला है जाल-
अधिकारियों की माने तो गिरोह का जाल मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र से लेकर बिहार व असम तक फैला है. जहां पर वे शिकार करने से लेकर जानवरों के नकली दांत व बाल बेचने का कारोबार तक कर रहे है. खासबात यह है कि डेरा बनाकर रहने वाले इस गिरोह पर आसानी से कोई विश्वास नहीं कर पाता है कि वे वन्य प्राणियों का शिकार करने से लेकर तस्करी का कारोबार तक करते है.

लूट, चोरी व तस्करी का माल जमीन में ही छिपाते है-
अधिकारियों का यह भी कहना है कि गुना से लेकर राजगढ़, डिंडौरी तक सक्रिय पारधी गिरोह लूट, चोरी व तस्करी का माल जमीन में ही छिपाता है. टीम ने इस बिन्दु को दृष्टिगत रखतेत हुए मौके पर पहुंची तो सबसे पहले खुदाई ही कराई गई. दो से तीन फीट खोदने पर गांजा के पैकेट मिलना शुरु हो गए थे. इस तरह से जब जेसीबी से खुदाई कराई गई तो ९४० किलो गांजा बरामद किया गया है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-