कोलकाता. पश्चिम बंगाल में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती घोटाला मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. सीबीआई की ओर से टीएमसी के पूर्व नेता पार्थ चटर्जी के खिलाफ दायर की गई चार्जशीट को लेकर विवाद हो गया है. चार्जशीट में कई प्रभावशाली नेताओं के नाम सामने आए हैं. जिनमें टीएमसी सांसद दिव्येंदु अधिकारी, पूर्व बीजेपी नेता भारती घोष, पूर्व सांसद ममताबाला ठाकुर समेत 20 लोगों के नाम शामिल हैं.
सीबीआई की जांच में सामने आया कि इन नेताओं ने कई उम्मीदवारों की सिफारिश की थी, जिनमें से कई को तो नौकरी भी मिल गई. खुलासे के बाद से राजनीति में हलचल तेज हो गई है. विपक्ष ने इस पर प्रदेश सरकार को घेरा है.
बीजेपी ने टीमएसी पर साधा निशाना
बता दें कि सीबीआई ने प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाले में जो चार्जशीट दाखिल की है, उसमें कई बड़े लीडर्स का नाम शामिल हैं. इन लोगों ने कई उम्मीदवारों के लिए सिफारिश की थी. जिससे उन्हें नौकरी मिलने में मदद मिली. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि यह सिफारिशें किस आधार पर की गई थीं और इसमें कितनी आर्थिक लेन-देन हुई थी.
मामले को लेकर टीएमसी और बीजेपी के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है. बीजेपी ने कहा कि घोटाला दिखाता है कि राज्य में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी है. वहीं दूसरी ओर टीएमसी ने पलटवार करते हुए कहा कि जब तक कानूनी प्रकिया पूरी नहीं हो जाती, किसी को दोषी नहीं ठहरा सकते हैं. गौरतलब है कि सीबीआई ने 27 दिसंबर 2024 को स्कूल भर्ती घोटाला मामले में टीएमसी के नेता और पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. इस बीच ईडी ने भी आरोप तय करने की प्रकिया शुरू कर दी है.
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