एमपी: देश में पहली बार नवजात की आर्टिफिशयल स्किन सर्जरी, इंदौर के अस्पताल में 22 दिन आईसीयू में रहा बच्चा

एमपी: देश में पहली बार नवजात की आर्टिफिशयल स्किन सर्जरी

प्रेषित समय :17:02:09 PM / Sun, Feb 16th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

पलपल संवाददाता, इंदौर. एमपी के इंदौर में नवजात की आर्टिफिशयल सर्जरी कर डाक्टरों ने इतिहास रच दिया है. देश में ऐसा पहली बार हुआ है कि 15 दिन के बच्चे की इस तरह से दो सर्जरी की गई है. बच्चे को जानलेवा इन्फेक्शन होने के कारण पूरी पीठ व निचले हिस्से की त्वचा काली पड़ गई. जो धीरे-धीरे जख्म का रूप लेकर फैलने लगी. बच्चे की पीठ पर बड़ा गड्ढा हो गया. जिसके बच्चे को एक करवट पर लेटाकर इलाज करना पड़ा.

बताया गया है कि शिप्रा निवासी पंकज व सीमा जलवाया के नवजात बच्चे सार्थक को जन्म के 6 दिन बाद से ही बुखार आने लगा, वह दूध नहीं पी रहा था. शरीर पर सूजन लगातार बढ़ती जा रही थी. जिसके चलते परिजनों ने सीहोर के एक हास्पिटल में दिखाया, जहां पर डाक्टरों ने दो दिन तक आईसीयू में रखकर इलाज किया लेकिन आराम नहीं मिला. इसके बाद परिजन बच्चे को लेकर इंदौर के बारोड अस्पताल पहुंचे. जहां पर डाक्टरों ने देखा तो बच्चे का सीना पूरी तरह लाल हो गया था, पीठ का 80 प्रतिशत हिस्सा संक्रमित होकर सूज गया था. डाक्टरों के पूछने पर माता-पिात ने बताया कि सर्दी होने के कारण सिकाई की थी.

डाक्टरों ने जाना कि सिकाई से ऐसा संक्रमण तो नहीं हो सकता है बल्कि हाइजीन न रखने या फिर आईसीयू में वहा भरती रहा, जिससे इंफेक्शन हो सकता है. बच्चे की पीठ से पस निकलना शुरु हुआ तो उसे दवाईयों से भी कंट्रोल  करने की कोशिश की लेकिन हड्डी दिखने लगी थी. जांच रिपोर्ट में जो संक्रमण सामने आया है वह साधारण न होकर एबनॉर्मल इन्फेक्शन (सिनर्जिस्टिक बैक्टीरियल गैंग्रीन विद सेप्टीसीमिया) निकला. इस इन्फेक्शन ने उसे चपेट में ले लिया था. उसका ब्लड काउंट 29 हजार तक पहुंच गया था. रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टरों को इलाज की दिशा मिली. परिजनों की सहमति के बाद बच्चे की दो सर्जरी की गई. जो 4-4 घंटे तक चलीं.

इसके बाद 40 हजार रुपए की मेट्रिडर्म (आर्टिफिशियल स्किन) का उपयोग किया गया. यह पहली बार था जब 15 दिन के नवजात पर डर्मल सब्स्टिट्यूट का सफलतापूर्वक उपयोग हुआ. इसके बाद डाक्टरों ने सर्जरी की, इसके बाद   22 दिनों तक आईसीयू में भरती बच्चे ने मौत से संघर्ष किया है, इस दौरान उसकी दो सर्जरी की गई. बच्चे के कमजोर होने के कारण उसकी त्वचा लेकर ग्राफ्ंिटग भी नही की जा सकती थी, ऐसे में आर्टिफिशियल स्किन सब्सिट्यूट (डर्मल) प्रोसेस का उपयोग किया गया. भारत में नवजात में डर्मल सब्सिट्यूट के उपयोग का यह पहला मामला है. इलाज के बाद बच्चा अब पूरी तरह से स्वस्थ है. अपने बच्चे को स्वस्थ देखकर माता-पिता की खुशी का ठिकाना नही रहा. 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-