पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी के जबलपुर में सड़क दुर्घटना का शिकार होने से ब्रेनडेड हुए पुजारी बलिराम कुशवाहा के अंगदान से दो लोगों को नया जीवन मिलने की उम्मीद है. उनकी किडनी फेल होने के कारण इस्तेमाल नहीं की जा सकी लेकिन हार्ट व लिवर ट्रांसप्लांट के लिए लिए गए हैं.
हार्ट को भोपाल के एम्स भेजने जबलपुर मेडिकल कॉलेज से डुमना एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर बना कर रवाना किया गया है. वहीं लिवर के लिए तिलवारा में अस्पताल के नजदीक ही हेलीपेड बनाया गया. हेलिकॉप्टर से लिवर को डुमना एयरपोर्ट लाया गया. यहां से प्लेन के जरिए लिवर को इंदौर के चोइथराम हॉस्पिटल भेजा गया. पुलिस अधिकारियों के अनुसार भोपाल एयरपोर्ट से एम्स तक लगभग 21 किलोमीटर का ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था. जबलपुर से लाए ऑर्गन को एम्स में ट्रांसप्लांट के लिए पहुंचाया गया. सुबह 8 बजे से तैयारी चल रही थी. लगभग 11.30 बजे ऑर्गन भोपाल पहुंचे. हमने केवल 11 मिनट में उन्हें एयरपोर्ट से एम्स तक पहुंचा दिया.
एंबुलेंस समय पर एयरपोर्ट नहीं पहुंच पाई थी इसलिए पुलिस के वाहन से ही ऑर्गन को पहुंचाया गया. ग्रीन कॉरिडोर में लगभग 80 पुलिस जवान व अधिकारी तैनात थे. सूत्रों की माने तो यह एम्स भोपाल का पहला हार्ट ट्रांसप्लांट है. इसे इटारसी के 53 साल के मरीज को लगाया जा रहा है. उसका इलाज आयुष्मान भारत योजना के तहत चल रहा है. एम्स से चार डॉक्टरों की टीम रात 12.00 बजे जबलपुर के लिए निकली थी. सुबह करीब 10.50 बजे टीम हार्ट लेकर एयरपोर्ट पहुंची.
इसके बाद स्टेट गवर्नमेंट के प्लेन से यह टीम दोपहर 12.00 बजे भोपाल पहुंची. फिर ग्रीन कॉरिडोर बनाकर भोपाल एयरपोर्ट से अगले 20 मिनट में टीम एम्स पहुंची. भोपाल एम्स में लंग व हार्ट ट्रांसप्लांट की मंजूरी 6 महीने पहले ही मिली है. इससे पहले प्रदेश के सरकारी व निजी अस्पतालों में मुख्य रूप से बोन मैरो, किडनी व लिवर ट्रांसप्लांट ही हो रहे हैं. लंग्स व हार्ट को दूसरे राज्यों के मरीजों को भेजना पड़ता था.
रात भर की गई ग्रीन कॉरिडोर की तैयारी-
जबलपुर में मुख्य चिकित्या एवं स्वास्थ्य अधिकारी संजय मिश्रा ने बताया कि सागर के मरीज बलिराम कुशवाह का मंगलवार को रोड एक्सीडेंट हो गया था. उन्हें मस्तिष्क में गंभीर चोटें आई थीं. प्राथमिक इलाज के बाद उन्हें जबलपुर के सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल रेफर किया गया. बुधवार को डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेनडेड घोषित कर दिया. ऐसे में परिजन ने अंगदान की इच्छा जाहिर की. इसके बाद यह पता लगाया गया कि अंगों की जरूरत कहां है. जानकारी मिली कि भोपाल एम्स में हार्ट ट्रांसप्लांट होना है. वहीं चोइथराम हॉस्पिटल इंदौर में एक मरीज को लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत है. इस प्रक्रिया के लिए रात भर तैयारी की गई और ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया.
सड़क पार करते वक्त मोटर साइकल सवार ने टक्कर मारी-
मृतक के भतीजे विजय पटेल ने बताया कि बलिराम कुशवाहा मूलत: सागर के रहने वाले थे. वे जबलपुर के सूरतलाई गांव में एक मंदिर की देखरेख का काम करते थे. 21 जनवरी की शाम करीब 7 बजे कटंगी रोड पर एक मोटरसाइकिल चालक ने रोड क्रॉस करते समय उनकी ट्राइसाइकिल को टक्कर मार दी. हादसे में उनके सिर में गंभीर चोटें आईं. उन्हें तत्काल इलाज के लिए मेडिकल अस्पताल लाया गया. ब्रेनडेड घोषित किए जाने के बाद डॉक्टरों से सलाह-मशविरा कर परिजन ने अंगदान का फैसला लिया.
उन्होंने हार्ट, लिवर व किडनी दान करने की सहमति दी थी. हालांकिए किडनी ने काम करना बंद कर दिया था. जिसके कारण किडनी का ट्रांसप्लांट नहीं हो सका. भतीजे ने बताया कि बलिराम अविवाहित और दिव्यांग थे. परिवार में भाई, भतीजा व भाभी हैं. डॉक्टर की सलाह पर हमने उनके अंगदान किए हैं. हम सभी को अच्छा लग रहा है कि उनके अंगदान से 2 लोगों को नई जिंदगी मिल जाएगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-