-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, बॉलीवुड एस्ट्रो एडवाइजर (व्हाट्सएप- 8875863494)
* फुलेरा दूज - शनिवार, 1 मार्च 2025
* द्वितीया तिथि प्रारम्भ - 1 मार्च 2025 को 03:16 बजे
* द्वितीया तिथि समाप्त - 2 मार्च 2025 को 00:09 बजे
फुलेरा दूज का हर क्षण शुभ और उत्तम माना जाता है और इसीलिए इस अवसर पर शुरू किया गया कार्य फूलों-सा महकता है.
फुलेरा दूज के अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना की जाती है, अपने इष्टदेव को गुलाल चढ़ाई जाती है और फूलों की रंगोली सजाई जाती है.
इस मौके पर भगवान श्रीकृष्ण को मिष्ठान का भोग लगाया जाता है.
श्रीकृष्ण की भक्ति में अनेक गीत-भजन हैं, जिनमें से मधुराष्टकम् अपने नाम की तरह ही बहुत मधुर है, धनदायक है, आनंददायक है.
इसमें भगवान मधुसूदन का अत्यंत मधुरता से वर्णन किया गया है, भगवान श्रीकृष्ण के सम्पूर्ण सौन्दर्य का वर्णन तन-मन को प्रसन्न कर देता है.
॥ मधुराष्टकम् ॥
अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरम्.
हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥1॥
वचनं मधुरं चरितं मधुरं वसनं मधुरं वलितं मधुरम्.
चलितं मधुरं भ्रमितं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥2॥
वेणुर्मधुरो रेणुर्मधुरःपाणिर्मधुरः पादौ मधुरौ.
नृत्यं मधुरं सख्यं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥3॥
गीतं मधुरं पीतं मधुरं भुक्तं मधुरं सुप्तं मधुरम्.
रूपं मधुरं तिलकं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥4॥
करणं मधुरं तरणं मधुरं हरणं मधुरं रमणं मधुरम्.
वमितं मधुरं शमितं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥5॥
गुञ्जा मधुरा माला मधुरायमुना मधुरा वीची मधुरा.
सलिलं मधुरं कमलं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥6॥
गोपी मधुरा लीला मधुरायुक्तं मधुरं मुक्तं मधुरम्.
दृष्टं मधुरं शिष्टं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥7॥
गोपा मधुरा गावो मधुरायष्टिर्मधुरा सृष्टिर्मधुरा.
दलितं मधुरं फलितं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥8॥
॥ इति श्रीमद्वल्लभाचार्यकृतं मधुराष्टकं सम्पूर्णम् ॥
श्री त्रिपुरा सुंदरी धर्म-कर्म पंचांग : 1 मार्च 2025
शक सम्वत 1946, विक्रम सम्वत 2081, अमान्त महीना फाल्गुन, पूर्णिमान्त महीना फाल्गुन, वार शनिवार, शुक्ल पक्ष, तिथि द्वितीया - 00:09, (2 मार्च 2025) तक, नक्षत्र पूर्व भाद्रपद - 11:22 तक, योग साध्य - 16:25 तक, करण बालव - 13:43 तक, द्वितीय करण कौलव - 00:09, (2 मार्च 2025) सूर्य राशि कुम्भ, चन्द्र राशि मीन, राहुकाल 09:49 से 11:17, अभिजित मुहूर्त 12:21 से 13:08
शनिवार चौघड़िया- 1 मार्च 2025
दिन का चौघड़िया
काल - 06:54 से 08:22
शुभ - 08:22 से 09:49
रोग - 09:49 से 11:17
उद्वेग - 11:17 से 12:45
चर - 12:45 से 14:12
लाभ - 14:12 से 15:40
अमृत - 15:40 से 17:08
काल - 17:08 से 18:35
रात्रि का चौघड़िया
लाभ - 18:35 से 20:07
उद्वेग - 20:07 से 21:40
शुभ - 21:40 से 23:12
अमृत - 23:12 से 00:44
चर - 00:44 से 02:16
रोग - 02:16 से 03:49
काल - 03:49 से 05:21
लाभ - 05:21 से 06:53
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
आज का दिनः शनिवार 1 मार्च 2025, फुलेरा दूज का हर क्षण शुभ, फूलों-सा महकेगा नया काम!
प्रेषित समय :20:23:52 PM / Fri, Feb 28th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर