हाईकोर्ट की टिप्पणी : यौन उत्पीडऩ केसों में पुरुषों को फंसाया जा रहा, महिला की हर बात को सत्य मान लेना सही नहीं

हाईकोर्ट की टिप्पणी : यौन उत्पीडऩ केसों में पुरुषों को फंसाया जा रहा, महिला की हर बात को सत्य मान लेना सही नहीं

प्रेषित समय :12:21:56 PM / Sat, Mar 1st, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. केरल हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि आपराधिक मामलों, खासकर यौन अपराधों में यह मान लेना कि शिकायतकर्ता का हर बयान सत्य होता है, यह गलत है. कोर्ट ने यह भी कहा कि वर्तमान समय में ऐसे मामलों में निर्दोष लोगों को फंसाने की प्रवृत्ति बढ़ गई है. न्यायमूर्ति पीवी कुन्हिकृष्णन ने एक महिला कर्मचारी द्वारा यौन उत्पीडऩ के आरोपों का सामना कर रहे एक व्यक्ति को अग्रिम जमानत देने के दौरान यह बातें कही हैं.

कोर्ट ने कहा कि इस मामले में पुलिस ने आरोपी की उस शिकायत की जांच नहीं की जिसमें उसने कहा था कि नौकरी से निकाले जाने के बाद महिला ने उसे गाली दी और धमकियां दीं. कोर्ट ने कहा, एक आपराधिक मामले की जांच का मतलब केवल शिकायतकर्ता के पक्ष की जांच नहीं है, बल्कि आरोपी के मामले की भी जांच की जानी चाहिए. केवल इसलिए कि शिकायतकर्ता महिला है यह मान लेना कि उसका हर बयान सत्य है, यह सही नहीं है.

कोर्ट ने यह भी कहा कि आजकल यह प्रवृत्ति बन गई है कि महिलाओं द्वारा पुरुषों पर यौन उत्पीडऩ के आरोप झूठे होते हुए भी उन्हें फंसा लिया जाता है. यदि पुलिस यह पाती है कि महिला द्वारा लगाए गए आरोप झूठे थे तो वह शिकायतकर्ता के खिलाफ भी कार्रवाई कर सकती है. ऐसा कानून भी कहता है.

क्या है मामला

आपको बता दें कि महिला ने आरोप लगाया था कि कंपनी के प्रबंधक ने उसके हाथों को यौन उद्देश्य से पकड़ा. वहीं, आरोपी ने पुलिस से शिकायत की थी कि महिला ने उसे गाली दी और धमकियां दीं. उन्होंने इस संबंध में एक पेन ड्राइव में महिला की कथित बातें रिकॉर्ड कर के पुलिस को सौंपी. कोर्ट ने कहा कि यह एक ऐसा मामला था जिसमें जांच अधिकारी (आईओ) को आरोपी की शिकायत की भी जांच करनी चाहिए थी. कोर्ट ने आरोपी को पेन ड्राइव जांच अधिकारी के समक्ष पेश करने का आदेश दिया और जांच अधिकारी को निर्देश दिया कि वह उसकी जांच करें. कोर्ट ने आरोपी को 50,000 रुपये की जमानत राशि और दो सक्षम जमानतदारों के साथ जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. इसके अलावा आरोपी को जांच में सहयोग करने, गवाहों को प्रभावित या डराने की कोशिश न करने और जब भी जांच अधिकारी बुलाए पेश होने का आदेश भी दिया गया.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-