-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, बॉलीवुड एस्ट्रो एडवाइजर (व्हाट्सएप- 8875863494)
* आमलकी एकादशी - सोमवार, 10 मार्च 2025
* पारण का समय - 06:45 से 08:13, 10 मार्च 2025
* पारण के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - 08:13
* एकादशी तिथि प्रारम्भ - 9 मार्च 2025 को 07:45 बजे
* एकादशी तिथि समाप्त - 10 मार्च 2025 को 07:44 बजे
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रोगमुक्त जीवन और दीर्घायु के लिए आमलकी एकादशी का विशेष महत्व है.
इस एकादशी पर भगवान श्रीविष्णु की पूजा-अर्चना और व्रत से स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद मिलता है.
आमलकी मतलब... आंवला को धर्मशास्त्रों में उसी प्रकार श्रेष्ठ स्थान प्राप्त है जैसा नदियों में गंगा को प्राप्त है.
आंवले को भगवान श्रीविष्णु ने आदि वृक्ष के रूप में प्रतिष्ठित किया है और इसके हर हिस्से में ईश्वर का वास माना गया है.
धर्मग्रथों के अनुसार जो श्रद्धालु स्वर्ग और मोक्ष प्राप्ति की कामना रखते हैं उनके लिए आमलकी एकादशी श्रेष्ठ है.
विष्णुदेव की आराधना के लिए नियमित रूप से किए जाने वाले व्रतों में एकादशी का सर्वाधिक महत्व है.
भगवान विष्णु की प्रसन्नता के लिए यह व्रत किया जाता है.
एक वर्ष में कुल चौबीस एकादशी होती है, लेकिन जिस वर्ष अधिक मास होता है उस वर्ष कुल छब्बीस एकादशी होती है.
सभी एकादशी अलग-अलग नामों से जानी जाती है तथा इनका अलग-अलग महत्व भी होता है.
एकादशी व्रत के दिन भोजन नहीं किया जाता है, चाहे तो फलाहार ग्रहण कर सकते हैं.
प्रात: पवित्र स्नान के बाद देव पूजा करनी चाहिए और दिन भर यथा सम्भव- ऊँ नमो नारायणाय, का जाप करना चाहिए.
एकादशी व्रत करने से मानसिक और शारीरिक कष्ट दूर होते हैं.
कम-से-कम एक वर्ष पूरा होने पर एकादशी व्रत का उद्यापन करना चाहिए.
जीवन में भोग और मोक्ष की एक साथ प्राप्ति के लिए श्रीविष्णु आराधना श्रेष्ठ है.
तिथि को लेकर भ्रमित नहीं हों, विवेक से निर्णय करें...
तिथि को लेकर अक्सर लोग परेशान हो जाते हैं क्योंकि एक तो तिथि शुरू होने और समाप्त होने का कोई निश्चित समय नहीं होता है तो दूसरा तिथियों में कमी-बढ़ोतरी होती रहती हैं. कौन सी तिथि मानी जाए, खासकर व्रत-त्योहार को लेकर, इस पर मतैक्य नहीं रहता है.
देश में कम-से-कम दो अलग तरह के पंचांग प्रचलन में हैं, जिनमें महीने के सापेक्ष एक पक्ष तो कॉमन रहता है, लेकिन दूसरे पक्ष का महीना अलग अलग रहता है. एक पंचांग का महीना अमावस समाप्त होने के बाद शुरू होता है तो दूसरे पंचांग का वही महीना पूर्णिमा समाप्त होने के बाद शुरू होता है.
तिथियों में, कोई सूर्योदय के समय जो तिथि प्रभावी हो उसे मानता है तो कोई दिनभर में जो तिथि प्रभावी हो उसे मानता है.
कौन सी तिथि पर व्रत पूजा की जाए? इसे लेकर विवेक से कार्य करना बेहतर है.
प्रदोष जैसे व्रत में, जहां रात्रि के समय का महत्व है, के लिए प्रदोष काल की प्रभावी तिथि को महत्व दिया जाना चाहिए तो दिन में की जाने वाली पूजा के लिए दिन में प्रभावी तिथि को महत्व देना चाहिए.
तिथियों की समय की गणित के चलते कई बार एकादशी व्रत दो दिन तक चलता है.
तिथि का मूल उद्देश्य उस व्रत-पूजा काल की गणना के सापेक्ष कार्य करना है इसलिए तिथि को लेकर ज्यादा भ्रम नहीं पालें, सच्चे मन से किए गए व्रत-पूजन में तिथि अंश भी मिल जाए तो व्रत-पूजा सार्थक है.
वैसे तिथि निर्धारण में स्थानीय धर्मगुरु और कुल परंपराओं के अनुरूप निर्णय लेना उत्तम रहता है.
कामयाबी के लिए नियमित रूप से विष्णुदेव की पूजा करें-
अच्युतम केशवम रामनारायणम, कृष्ण दामोदरम् वासुदेवम् हरे.
श्रीधरम् माधवम् गोपिकावल्लभम, जानकी नायकम श्रीरामचन्द्रम् भजे..
श्री त्रिपुरा सुंदरी धर्म-कर्म पंचांग : 10 मार्च 2025
शक सम्वत 1946, विक्रम सम्वत 2081, अमान्त महीना फाल्गुन, पूर्णिमान्त महीना फाल्गुन, वार सोमवार, पक्ष शुक्ल, तिथि एकादशी - 07:44 तक, नक्षत्र पुष्य - 00:51, (11 मार्च 2025) तक, योग शोभन - 13:57 तक, करण विष्टि - 07:44 तक, द्वितीय करण बव - 19:55 तक, सूर्य राशि कुम्भ, चन्द्र राशि कर्क, राहुकाल 08:15 से 09:44, अभिजित मुहूर्त 12:19 से 13:06
चौघड़िया- 10 मार्च 2025, सोमवार
दिन का चौघड़िया
अमृत - 06:46 से 08:15
काल - 08:15 से 09:44
शुभ - 09:44 से 11:13
रोग - 11:13 से 12:43
उद्वेग - 12:43 से 14:12
चर - 14:12 से 15:41
लाभ - 15:41 से 17:10
अमृत - 17:10 से 18:39
रात्रि का चौघड़िया
चर - 18:39 से 20:10
रोग - 20:10 से 21:41
काल - 21:41 से 23:11
लाभ - 23:11 से 00:42
उद्वेग - 00:42 से 02:13
शुभ - 02:13 से 03:44
अमृत - 03:44 से 05:14
चर - 05:14 से 06:45
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
आज का राशिफल -
मेष राशि:- आज आपका समय मित्रों के साथ आनंदमय बीतेगा. नए वस्त्र तथा आभूषणों की खरीदी करेंगे. सामाजिक रूप से मान-सम्मान प्राप्त होगा. लेकिन नए सम्बंध बनाने से पूर्व विचार करें. अधिक खर्च होगा. नुकसान पहुंचाने वाले हितैषियों से सावधान रहें. स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखें.
वृष राशि:- आज व्यवसायियों के लिए आज का दिन बहुत अच्छा है. पारिवार का माहौल शांतिपूर्ण रहेगा. आपको प्रतिस्पर्धियों पर विजय प्राप्त होगी. व्यावसायिक स्थल पर सहकर्मी आप के लिए सहायक रहेंगे. मध्याह्न के बाद मनोरंजन का आनंद लेंगे. छोटे से प्रवास या पर्यटन का योग बन रहा है. पार्टनर के साथ संभलकर रहें.
मिथुन राशि:- आज के दिन नए कार्य का प्रारंभ न करें. बौद्धिक चर्चाओं के लिए आज का दिन अच्छा नहीं है. संतान के संबंध में चिंता रहेगी. मानसिक रूप से प्रफुल्लित अनुभव करेंगे. शारीरिक स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा. व्यवसाय में सहयोगियों का पूरा सहयोग मिलेगा व आर्थिक लाभ होगा.
कर्क राशि:- आज आपकी हताशा मानसिक और शारीरिक दोनों प्रकार से आपको परेशान करेगी. आज संपत्ति की कार्यवाही को स्थगित करना ही उचित होगा. माता के स्वास्थ्य का ख्याल रखें. वैचारिक स्तर पर विचलित न हो. मध्याह्न के बाद शारीरिक रूप से प्रसन्नता होगी.
सिंह राशि:- आज धार्मिक यात्रा के योग बन रहे हैं. नए कार्य प्रारंभ होंगे. विदेश से शुभ समाचार मिल सकते हैं. पूंजी-निवेश करने वालों के लिए समय लाभदायक होगा. मध्याह्न के बाद आप पर भावना हावी होगी. स्वास्थ्य का ख्याल रखें. संपत्ति से सम्बंधित कार्यों के लिए आज का दिन उचित नहीं है.
कन्या राशि:- आज आप किसी भी प्रकार की निर्णयात्मक स्थिति पर नहीं पहुंच पाएंगे इसलिए नए कार्य प्रारंभ न करें. आज मौन रहें तो ही बुद्धिमानी है, नहीं तो किसी से मनमुटाव हो सकता है. शारीरिक और मानसिक रूप से स्वास्थ्य ठीक रहेगा. घर के अन्य सदस्यों के साथ बैठकर महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर निर्णय लेंगे. पूंजी-निवेश करना आज आप के हित में होगा.
तुला राशि:- आज का दिन समतोल और दृढ़ वैचारिकता से प्रारंभ होगा. शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखें. वस्त्र और आभूषण की खरीदारी में धन खर्च हो सकता है. मध्याह्न के बाद मानसिक रूप से अनिर्णय की स्थिति में हो सकते हैं. जरूरी निर्णय आज टाल दें.
वृश्चिक राशि:- आज के दिन आध्यात्मिक और ईश्वर की भक्ति से शांति मिलेगी. मन में उठ रही नकारात्मक भावनाओं पर संयम रखें. कोर्ट-कचहरी की कार्यवाही में संभलकर रहें. मध्याह्न के पश्चात कार्यपूर्ति होती नजर आएगी और शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ महसूस करेंगे.
धनु राशि:- आज के दिन आपकी आय में वृद्धि और लाभ होने का संकेत मिल सकता है. सामाजिक कार्यों में भाग लेने से मन प्रसन्न होगा. व्यापार से लाभ होगा. शारीरिक स्वास्थ्य बिगड़ सकता है. आय की अपेक्षा खर्च अधिक होगा ऐसा गणेश जी कहते हैं. वाणी पर संयम रखें.
मकर राशि:- आज संपत्ति के दस्तावेज बनवाने हेतु आज का दिन उचित है. व्यावसायिक क्षेत्र में सफलता मिलेगी और उच्च अधिकारी वर्ग आप को प्रोत्साहित करेंगे. पदोन्नति के योग बन रहे हैं. परिवार में वातावरण शातिपूर्ण व आनंदपूर्ण रहेगा. सामाजिक तथा आर्थिक लाभ होगा.
कुम्भ राशि:- आज के दिन व्यावसायिक वर्ग को संभलकर चलने की सलाह देते हैं. उच्च अधिकारियों के साथ बातचीत करते समय ध्यान रखें. संतान के विषय में चिंता रहेगी. धार्मिक स्थल की यात्रा के योग बन रहे हैं. मध्याह्न के बाद व्यावसायिक स्थल पर वातावरण अनुकूल रहेगा.
मीन राशि:- आज जी किसी के साथ वाद-विवाद या तकरार न करने की सलाह देते हैं. क्रोध पर नियंत्रण रखें. गहन चिंतन आप के मन को शांति प्रदान करेगा. बौद्धिक रूप से लेखन कार्य में आप सक्रिय रहेंगे. विदेश स्थित स्नेहीजनों के शुभ समाचार मिलेगा. व्यावसायिक स्थल पर संभलकर रहें. स्वास्थ्य का ख्याल रखें.
* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 7879372913
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.