जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट: यौन अपराध मामलों में किसी भी आधिकारिक दस्तावेज में पीड़ितों की पहचान का खुलासा नहीं होना चाहिए!

जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट: यौन अपराध मामलों में किसी भी आधिकारिक दस्तावेज में पीड़ितों की पहचान का खुलासा नहीं होना चाहिए!

प्रेषित समय :22:46:43 PM / Mon, Mar 10th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

अभिमनोज
यौन अपराध मामलों में कई बार पीड़िता की पहचान सामने आ जाती है.
खबर है कि.... जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने एक क्रिमिनल अपील के मुख्य दस्तावेजों से अभियोक्ता का नाम तत्काल हटाने का निर्देश दिया है और कहा है कि- यौन अपराध मामलों में पीड़ितों की पहचान की रक्षा करनेवाले कानूनी प्रावधानों की सख्त अनुपालन की जाए.
खबरों की मानें तो.... जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस पुनीत गुप्ता की खंडपीठ ने फाजिल सलीम भट बनाम केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के मामले में यह आदेश जारी किया, जिसमें अपील के कई पृष्ठों पर अभियोक्ता के नाम के अनजाने में प्रकटीकरण है.
खबरों पर भरोसा करें तो.... इस मामले में कार्यवाही के दौरान केंद्र शासित प्रदेश का प्रतिनिधित्व करनेवाले एडवोकेट का कहना था कि- आरोप पत्र के अनुवादों में कुछ खास पन्नों पर अभियोक्ता का पूरा नाम था, जो स्थापित कानूनी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है.
इसके बाद अदालत ने केस फाइल की फिजिकल और डिजिटल दोनों कॉपी से नाम हटाने का निर्देश प्रदान किया.
अदालत का कहना है कि- वर्तमान कानूनी सुरक्षा के अनुपालन में अभियोक्ता का नाम किसी भी अदालती दस्तावेज में नहीं प्रकट होना चाहिए.
यही नहीं, अदालत ने पुलिस, फोरेंसिक लैब, चिकित्सकों सहित संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किया कि वे किसी भी आधिकारिक दस्तावेज में पीड़ितों की पहचान का खुलासा नहीं करें!

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-