झारखंड के देवघर में साइबर अपराधियों को पकड़ने गये थाना प्रभारी को ग्रामीणों ने बनाया बंधक

झारखंड के देवघर में साइबर अपराधियों को पकड़ने गये थाना प्रभारी को ग्रामीणों ने बनाया बंधक

प्रेषित समय :15:55:44 PM / Tue, Mar 18th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

अनिल मिश्र/रांची 

पिछले कुछ दिनों से झारखंड के पड़ोसी राज्य बिहार में पुलिस पर शामत सी आ गई है. बिहार में प्रतिदिन दिन पुलिस पर हमला करने की खबर सुर्खियां बटोर रही है. लेकिन कभी अविभाजित बिहार का हिस्सा रहे झारखंड प्रदेश में भी आज पुलिस पर अपराधियों का हौसला भारी पड़ गया. दरअसल झारखंड प्रदेश के देवघर जिले के करौं थाना क्षेत्र के नगादरी गांव में संदिग्ध साइबर अपराधियों को पकड़ने पहुंचे करौं थाना प्रभारी और एक पुलिस के जवान को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया. आज करीब चार घंटे तक करौं थाना प्रभारी विपिन कुमार और जवान ग्रामीणों के कब्जे में रहे.इस घटना की सूचना जब जिले के वरीय पुलिस अधिकारियों जब मिली तो बड़ी संख्या में पुलिस बल गांव पहुंची. उसके बाद पहले दोनों संदिग्धों को छोड़ा गया. तब ग्रामीणों ने थाना प्रभारी और उनके साथ गए पुलिस के जवान को मुक्त किया गया.

दरअसल देवघर के साइबर थाना की पुलिस टीम करौं पुलिस के सहयोग से नगादरी में छापेमारी कर रही थी. अलग-अलग बाइक से सादे लिबास में पहुंची पुलिस ने हाफिज अंसारी और उसके भाई को हिरासत में लेकर कुछ दूर खड़े पुलिस वाहन में बैठा दिया.दोनों युवकों को पकड़ने के बाद तीसरे युवक को पकड़ने के दौरान ग्रामीणों और महिलाओं से कुछ विवाद हो गया. उसके बाद दोनों ओर से धक्का-मुक्की होने लगी. इसी क्रम में इदरिश मौलाना उर्फ भुखू अंसारी की बीमार पत्नी को किसी से धक्का लग गया और वह गिरकर बेहोश हो गयी.इसके बाद दर्जनों ग्रामीणों ने आक्रोशित हो गए और पुलिस से उलझ पड़े.

उसके बाद ग्रामीणों ने करौं थाना प्रभारी विपिन कुमार और एक जवान को पकड़कर एक डीलर के घर में बंद कर दिया, जबकि साइबर थाना की पुलिस समेत अन्य अधिकारी और जवान वहां से बचकर भाग निकले. इसके बाद इस घटना की  सूचना देवघर जिला मुख्यालय स्थित वरीय अधिकारियों को दी गयी. उसके बाद करौं थाना की पुलिस के अलावा मधुपुर एसडीपीओ सत्येंद्र प्रसाद, मधुपुर थाना के इंस्पेक्टर  त्रिलोचन तामसोय, पाथरोल थाना प्रभारी दिलीप विलुंग, मारगोमुंडा थाना प्रभारी समेत चार थाना से अधिकारी और अतिरिक्त पुलिस बल वहां पहुंचा. उसके बाद दोनों पक्षों की बातचीत के  होने के बाद पुलिस ने हाफिज अंसारी और उसके भाई को छोड़ दिया. उसके बाद वहां के ग्रामीण शांत हुए और शाम साढ़े चार बजे करौं थाना प्रभारी और एक जवान को छोड़ दिया. इसके बाद पुलिस के अधिकारी और जवान गांव से निकले. इधर ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि साइबर अपराध के नाम पर पुलिस हमेशा उन्हें परेशान करती रहती है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-