पुणे. महाराष्ट्र के पुणे में एक निजी कंपनी की बस में लगी आग से चार कर्मचारियों की जान चली गई थी. मामले की जांच में खुलासा हुआ है कि आग दुर्घटना नहीं, बल्कि साजिश का नतीजा थी. पुलिस के अनुसार, बस चालक जनार्दन हंबरदेकर, कंपनी द्वारा सैलरी कटौती और दिवाली बोनस न मिलने से नाराज होकर बदला लेने की स्थिति में था.
पिंपरी चिंचवाड़ के पुलिस उपायुक्त विशाल गायकवाड़ ने बताया, जांच से यह सिद्ध हुआ है कि आग कोई दुर्घटना नहीं बल्कि साजिश के तहत लगाई गई थी. हालांकि, जिन कर्मचारियों की जान चली गई, उनके साथ सीधे विवाद नहीं था.
हादसे की घटना बुधवार को पुणे के पास हिंजवड़ी क्षेत्र में हुई, जब व्योमा ग्राफिक्स के 14 कर्मचारी बस में सवार थे. पुलिस कमिश्नर ने खुलासा किया कि आरोपी ने बेंजीन केमिकल खरीदा था और बस के पोंछने के लिए इस्तेमाल होने वाला कपड़ा भी साथ रखा था. उसने माचिस जलाकर कपड़े में आग लगा दी, जिसके कारण केमिकल की वजह से आग तेजी से फैल गई.
आग लगने के बाद, बस चालक स्वयं भी झुलस गया था, परन्तु अन्य यात्रियों के साथ वह समय रहते बस से बाहर निकल गया. फिलहाल, आरोपी का अस्पताल में इलाज चल रहा है और बाद में उसे गिरफ्तार किया जाएगा. इस हादसे में कुल 10 यात्री झुलस गए, जिनमें से दो गंभीर रूप से घायल हैं. मृतकों में 63 वर्षीय शंकर शिंदे, 42 वर्षीय राजन चव्हाण, 45 वर्षीय गुरुदास लोकरे और 44 वर्षीय सुभाष भोसले शामिल हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-