चेन्नई, नई दिल्ली. देशभर में लोकसभा व विधानसभा सीटों को लेकर हुए नए परिसीमन को लेकर दक्षिण राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. चेन्नई में शनिवार को तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन की अगुवाई में हुई ज्वाइंट एक्शन कमेटी (जेएसी) मीटिंग में नई सीमांकन प्रक्रिया के खिलाफ एकजुटता दिखी. जेएसी में दक्षिणी राज्यों और पंजाब के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया और पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की मांग करते हुए नए प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया.
जेएसी का यह है स्टैंड
ज्वाइंट एक्शन कमेटी में पारित प्रस्ताव में कहा गया कि लोकसभा सीटों के पुनर्निर्धारण की प्रक्रिया सभी राज्यों, राजनीतिक दलों और संबंधित हितधारकों की भागीदारी से होनी चाहिए. जेएसी ने चिंता जताई कि जनसंख्या नियंत्रण को प्रभावी ढंग से लागू करने वाले राज्यों की लोकसभा सीटों में कटौती उनके साथ अन्याय होगा.
प्रस्ताव में कहा गया कि 1971 की जनगणना के आधार पर सीटों को फ्रीज करने का निर्णय उन राज्यों को प्रोत्साहित करने के लिए लिया गया था जिन्होंने जनसंख्या नियंत्रण के कदम उठाए लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर जनसंख्या स्थिरीकरण लक्ष्य अब तक हासिल नहीं हुआ इसलिए इस फ्रीज को अगले 25 वर्षों तक बढ़ाने की जरूरत है. जेएसी के प्रस्ताव में साफ कहा गया कि वे राज्य जिन्होंने प्रभावी रूप से जनसंख्या नियंत्रण लागू किया और जिनकी जनसंख्या हिस्सेदारी घटी है, उन्हें दंडित नहीं किया जाना चाहिए.
पीएम मोदी को सौंपेंगे ज्ञापन, संसद में उठाएंगे मुद्दा
मीटिंग में यह तय किया गया कि एक कोर कमेटी का गठन किया जाएगा जिसमें विभिन्न राज्यों के सांसद शामिल होंगे. यह समिति संसद में परिसीमन के खिलाफ रणनीति तैयार करेगी. जेएसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक संयुक्त ज्ञापन सौंपने की योजना बनाई है जिसमें संविधान संशोधन की भावना के अनुरूप सीटों को फ्रीज करने की मांग होगी. इसके अलावा, जेएसी में शामिल राजनीतिक दल अपनी-अपनी विधानसभाओं में प्रस्ताव पारित कर केंद्र को अपना रुख आधिकारिक रूप से सूचित करेंगे.
जनता को जागरूक करने के लिए अभियान
जेएसी ने घोषणा की कि परिसीमन के संभावित प्रभावों के बारे में जनता को जागरूक करने के लिए एक बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जाएगा. इसमें यह बताया जाएगा कि यह प्रक्रिया कैसे दक्षिणी और कुछ अन्य राज्यों के राजनीतिक और आर्थिक संतुलन को प्रभावित कर सकती है. जेएसी का कहना है कि इस मुद्दे पर जनता को जागरूक कर फेडरल स्ट्रक्चर और लोकतंत्र की रक्षा के लिए राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन जुटाया जाएगा.
बैठक में कौन-कौन रहा मौजूद?
बैठक में कई विपक्षी दलों के बड़े नेता शामिल हुए. चेन्नई में हुई इस अहम बैठक में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार, बीआरएस नेता के.टी. रामाराव, वाईएसआरसीपी कांग्रेस, सीपीएम, सीपीआई, बीजेडी और आप के कई नेता भी बैठक में शामिल हुए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-