सुप्रीम कोर्ट ने कहा पेड़ काटना हत्या से भी जघन्य अपराध है, 454 पेड़ काटने पर 4.54 करोड़ रुपए जुर्माना, हर पेड़ के एक लाख रुपए देना होगे

सुप्रीम कोर्ट ने कहा पेड़ काटना हत्या से भी जघन्य अपराध है

प्रेषित समय :14:12:06 PM / Thu, Mar 27th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश स्थित ताज ट्रैपेजिय़म ज़ोन में अवैध तरीके से पेड़ों की कटाई के मामले में सख्त रुख अख्तियार करते हुए एक बिजनेसमैन पर हर पेड़ के बदले एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया.  इस व्यापारी पर कुल 454 करोड़ पेड़ काटने का आरोप है.  इस हिसाब से उसे 4 करोड़ 54 लाख रुपये की कुल रकम बतौर जुर्माना देनी होगी. इस मामले में कोर्ट ने कहा कि यह अपराध तो किसी की हत्या से भी ज्यादा जघन्य है.  ऐसे लोगों के साथ कोई दया भावना नहीं बरती जा सकती, जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं.

जस्टिस अभय एस ओका व जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने कहा कि बिना अनुमति के 454 पेड़ काटना निंदनीय है. इस हरित क्षेत्र को फिर से बनाने में कम से कम 100 साल लगेंगे. यह 2015 से लागू कोर्ट के प्रतिबंध का खुला उल्लंघन है. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा. केंद्रीय सशक्त समिति (सीईसी) की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल 18 सितंबर की रात को वृंदावन चटीकारा रोड पर डालमिया फार्म नामक निजी जमीन पर 422 पेड़ और उससे सटी सड़क किनारे संरक्षित वन क्षेत्र में 32 पेड़ अवैध रूप से काटे गए. कोर्ट ने इस रिपोर्ट को चौंकाने वाला व न्यायालय के आदेश का खुला उल्लंघन करार दिया.

कंपनी के मालिक शिव शंकर अग्रवाल ने कोर्ट में दलील दी कि जुर्माने की राशि कम की जाए. कहा गया कि मैं गलती को स्वीकारता हूं और माफी मांगता हूं. उसी जमीन पर नहीं, बल्कि पास के क्षेत्र में पौधरोपण की अनुमति दी जाए. कोर्ट ने जुर्माना कम करने से इनकार कर दिया. हालांकि पास के क्षेत्र में पौधरोपण की अनुमति दे दी. पेश मामले में कोर्ट ने सीईसी की सिफारिशों को स्वीकार किया. जिसमें प्रत्येक पेड़ के लिए 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाने की बात कही गई थी. समिति ने सुझाव दिया कि वन विभाग को यूपी प्रोटेक्शन ऑफ ट्रीज एक्ट 1976 के तहत जुर्माना वसूलना चाहिए. संरक्षित वन में काटे गए 32 पेड़ों के लिए इंडियन फॉरेस्ट एक्ट 1972 के तहत कार्रवाई करनी चाहिए.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-