नेपीदा. म्यांमार में आज सुबह 11.50 बजे 7.7 तीव्रता का भूकंप आया. इसके झटके भारत, थाईलैंड, बांग्लादेश व चीन सहित 5 पांच देशों में महसूस किए गए. म्यांमार और थाईलैंड में 23 लोगों की जान गई है. म्यांमार में 20 लोगों की मौत हुई, जबकि यहां 300 लोग घायल हैं. वहीं थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में अंडर कंस्ट्रक्शन 30 मंजिला इमारत गिर गई. इस साइट पर 400 लोग काम कर रहे थे.
इनमें से 80 लोग लापता हैं, जबकि 3 लोगों की मौत हुई है. इन 5 देशों के अलग.अलग इलाकों में सैकड़ों लोग घबराकर घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए. भारी तबाही के चलते थाईलैंड की प्रधानमंत्री पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा ने इमरजेंसी घोषित कर दी है. म्यांमार में एतिहासिक शाही महल मांडले पैलेस के कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. वहीं सागाइंग क्षेत्र के सागाइंग टाउनशिप में एक पुल भूकंप में पूरी तरह नष्ट हो गया. राजधानी नेपीता के अलावा क्यौकसे, प्यिन ऊल्विन व श्वेबो में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. इन शहरों की आबादी 50 हजार से ज्यादा है.
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप का केंद्र अक्षांश: 21.93 उत्तर, देशांतर 96.07 पूर्व में 10 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था. भूकंप स्थानीय समयानुसार दोपहर 12.50 बजे (0620 जीएमटी) के आसपास सागाइंग शहर की गहराई पर आया. बैंकॉक में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. लोग अपने घरों से बाहर भागते हुए देखे गए. वही कुछ वीडियो में लोगों को खाना खाते समय हिलते हुए दिखाया गया.
बैंकॉक में स्थानीय गवाहों ने बताया कि लोग घबराकर सड़कों पर भाग गए और स्विमिंग पूल से पानी बाहर निकल आया. इस महीने की शुरुआत में रिक्टर स्केल पर 4.3 तीव्रता का एक और भूकंप म्यांमार में आया था. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसारए भूकंप 125 किमी की गहराई पर आया था. इस तरह के उथले भूकंप गहरे भूकंपों की तुलना में ज़्यादा ख़तरनाक होते हैं क्योंकि पृथ्वी की सतह के नज़दीक आने पर वे ज़्यादा ऊर्जा छोड़ते हैंए जिससे ज़मीन का कंपन ज़्यादा होता है और संरचनाओं व हताहतों को ज़्यादा नुकसान पहुंचता है. जबकि गहरे भूकंप सतह पर आने पर ऊर्जा खो देते हैं.
हालांकि म्यांमार भूकंप-प्रवण देश है, लेकिन आधिकारिक राष्ट्रीय भूकंपीय खतरा मानचित्र प्रस्तावित नहीं किया गया है. यूरेशियन और इंडो-ऑस्ट्रेलियाई प्लेटों के बीच टकराव के कारण म्यांमार एक ऐसा क्षेत्र है जहां भूकंपीय खतरा उच्च स्तर पर है. अंतर्राष्ट्रीय भूकंपीय केंद्र द्वारा सारांशित भूकंप मापदंडों के अनुसार 1990 से 2019 तक हर साल म्यांमार और उसके आसपास के इलाकों में 3.0 से ज़्यादा या उसके बराबर परिमाण वाली लगभग 140 घटनाएं हुई हैं. इस प्रकारए यह स्पष्ट है कि म्यांमार मध्यम और बड़ी तीव्रता वाले भूकंपों के खतरों के प्रति संवेदनशील है. जिसमें इसकी लंबी तटरेखा पर सुनामी के खतरे भी शामिल हैं.
दिल्ली सहित प्रदेश के कई राज्यों में भी असर-
भारत में दिल्ली-एनसीआर वर उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. खासतौर पर पूर्वोत्तर के राज्यों मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, असम व नागालैंड में तेज झटके आए हैं.