आबूधाबी. यूएई ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ईद के पहले ही ईदी दे दी है. यूएई ने महत्वपूर्ण संकेत देते हुए बड़े पैमाने पर कैदियों को माफ़ कर दिया. आधिकारिक आदेशों के अनुसार जिन लोगों को क्षमादान दिया गया है. उनमें 500 से ज़्यादा कैदी भारतीय नागरिक हैं. यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने 1295 कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया. जबकि प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने 1518 कैदियों को क्षमादान दिया. ये आदेश फरवरी के अंत में लागू किए गए थे. यह क्षमादान विभिन्न राष्ट्रीयताओं के व्यक्तियों पर लागू होता है जिन्हें दुबई के सुधारात्मक और दंडात्मक सुविधाओं में रखा गया था.
दुबई के अटॉर्नी जनरल चांसलर एसाम इस्सा अल-हुमैदान ने कहा कि यह निर्णय शेख मोहम्मद के उन लोगों को एक नई शुरुआत देने के समर्पण को दर्शाता है जिन्होंने अपनी सजा काट ली है. दुबई के अटॉर्नी जनरल ने यह भी पुष्टि की कि क्षमादान के बाद दुबई पुलिस के समन्वय में दुबई लोक अभियोजन ने उनकी रिहाई के लिए कानूनी प्रक्रियाओं को लागू करना शुरू कर दिया है. क्षमादान का उद्देश्य उन्हें अपने परिवारों के साथ फिर से जुडऩे और समाज में फिर से शामिल होने की अनुमति देना है. क्षमादान का यह संकेत न्यायए करुणा और भारत के साथ राजनयिक संबंधों को मजबूत करने के लिए यूएई की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है.
यूएई ने रमजान के दौरान कैदियों को माफ करने की अपनी वार्षिक परंपरा को जारी रखा है. यह अधिनियम पवित्र महीने की भावना के साथ संरेखित होकर दया और सुलह के एक शक्तिशाली प्रतीक के रूप में कार्य करता है. कैदियों को क्षमा करने के साथ-साथ शेख मोहम्मद बिन जायद की सरकार ने रिहा किए गए कैदियों के वित्तीय दायित्वों का निपटान करने का भी संकल्प लिया है. इस पहल का उद्देश्य कैदियों और उनके परिवारों के सामने आने वाली चुनौतियों को कम करना, घरों में स्थिरता को बढ़ावा देना और उन्हें वित्तीय बोझ के बिना नई शुरुआत करने की अनुमति देना है. यूएई की लंबे समय से चली आ रही परंपरा के हिस्से के रूप मेंए वार्षिक रमजान क्षमादान देश की दया और दूसरे अवसरों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है. पवित्र महीने के मूल्यों के अनुरूपए यह कदम क्षमाए करुणा और पुनर्वास पर जोर देता है. इसके अतिरिक्तए सामूहिक रिहाई से जेल की आबादी को कम करने में मदद मिलती हैए जिससे सामाजिक स्थिरता को बढ़ावा मिलता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-