कोरोना काल के बाद सबसे बुरे दौर में अमेरिका का बाजार, इतने प्रतिशत आई गिरावट, मंदी का डर

कोरोना काल के बाद सबसे बुरे दौर में अमेरिका का बाजार, इतने प्रतिशत आई गिरावट, मंदी का डर

प्रेषित समय :13:05:05 PM / Sat, Apr 5th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ के कारण अमेरिकी शेयर बाजार में 5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई. निवेशकों में वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका बढ़ गई, जिसके कारण डॉव जोन्स, एस एंड पी 500 और नास्डैक जैसी प्रमुख सूचकांकों में भारी नुकसान हुआ.

डॉव जोन्स सूचकांक में 5.50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई, जो इसकी एक बड़ी गिरावट में से एक थी. एसएंडपी 500 में करीब 6 प्रतिशत की कमी आई, जबकि नास्डैक ने 5.73 प्रतिशत का नुकसान देखा. बैंकिंग और मार्केट एक्सपर्ट अजय बग्गा के मुताबिक, ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद से अमेरिकी बाजारों ने 9 ट्रिलियन डॉलर का मार्केट कैप खो दिया है.

आस्क प्राइवेट वेल्थ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ये शुल्क अमेरिका की अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता को बढ़ा सकते हैं और संभवत: अमेरिका में स्टैगफ्लेशन (मंदी के बीच महंगाई) की स्थिति पैदा कर सकते हैं. रिपोर्ट में चेतावनी दी गई कि यह कदम व्यापार बाधाओं को 1800 के दशक के स्तर तक पहुंचा सकता है. ट्रंप के प्रतिकूल शुल्कों का प्रभाव दुनियाभर के बाजारों पर पड़ा. ब्रिटेन का 100 इंडेक्स 4.95 प्रतिशत गिरा, जबकि जर्मनी का परफॉर्मेंस इंडेक्स भी 4.95 प्रतिशत नीचे बंद हुआ. भारत के शेयर बाजार भी इस प्रभाव से बच नहीं पाए और सेंसेक्स तथा निफ्टी में गिरावट आई.

भारत में सेंसेक्स 75,364.69 अंक पर बंद हुआ, जो 930.67 अंक यानी 1.22 प्रतिशत की गिरावट दर्शाता है. जबकि निफ्टी 345.65 अंक यानी 1.49 प्रतिशत गिरकर 22,904.45 अंक पर बंद हुआ. एक समय पर सेंसेक्स 1,000 अंक तक गिर गया था, लेकिन बाद में कुछ नुकसान को कम कर लिया गया. ट्रंप प्रशासन ने अपने दूसरे कार्यकाल में फेयर और रिसिप्रोकल प्लान के तहत व्यापार भागीदारों पर शुल्क बढ़ाए हैं. राष्ट्रपति ट्रंप ने यह साफ किया है कि अमेरिका अन्य देशों द्वारा लगाए गए शुल्कों का मेल करेगा, ताकि व्यापार में समानता बनी रहे, जिसमें भारत भी शामिल है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-