MP: 7 मौत का आरोपी फर्जी डाक्टर बोला, रुतबा बनाने रखा था विदेशी नाम, पत्नी-बच्चे भी फर्जी

MP: 7 मौत का आरोपी फर्जी डाक्टर बोला, रुतबा बनाने रखा था विदेशी नाम, पत्नी-बच्चे भी फर्जी

प्रेषित समय :18:18:35 PM / Wed, Apr 9th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

पलपल संवाददाता, दमोह. एमपी के दमोह में मिशन अस्पताल में सात मरीजों की मौत के लिए जिम्मेदार फर्जी डाक्टर नरेन्द्र यादव उर्फ नरेन्द्र केम जॉन ने पुलिस को रिमांड में कई खुलासे किए है. उसने पुलिस को पूछताछ में कहा कि भारत की मेडिकल कम्युनिटी में अपना रुतबा बनाने के लिए विदेशी नाम रखा. इसी नाम से सभी फर्जी दस्तावेज भी बनवाए थे.

दमोह के मिशन अस्पताल में लंदन के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ एन जोन केम के नाम पर फर्जी डॉक्टर ने ढाई महीने में 15 हार्ट ऑपरेशन कर डाले. आरोप है कि दिसंबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच हुए इन ऑपरेशन में 7 मरीजों की मौत हो गई. इस बात का खुलासा तब हुआ है कि जब एक मरीज के परिजन ने संदेह होने पर डॉक्टर की शिकायत की. इसके बाद मामला मानवाधिकार आयोग तक पहुंच गया. आयोग की टीम मृतकों के परिजनों से पूछताछ कर चुकी है. पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी फर्जी डाक्टर नरेंद्र यादव को पुलिस ने यूपी के प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद पुलिस ने न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया.

पुलिस को पूछताछ में आरोपी डाक्टर ने बताया कि उसकी एमबीबीएस की डिग्री असली है जो नार्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज से की थी, असली नाम नरेंद्र यादव है. मैं कानपुर का रहने वाला हूं. फर्जी दस्तावेज बनाने के लिए पत्नी व बच्चों के फर्जी नाम भी शामिल किए, जबकि अविवाहित हूं. आरोपी ने ये भी बताया कि मेरे पास एक पुराना पासपोर्ट था, जिससे विदेश गया, इसके बाद पासपोर्ट एक्सपायर हो गया. फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर दूसरा पासपोर्ट बनवाया. पुलिस के पास आरोपी का पुराना पासपोर्ट आ चुका है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपी कितनी बार विदेश गया. किन-किन संस्थानों में उसने डिग्री ली, इस बात में कितनी सच्चाई है. इसका भी पता लगाया जा रहा है.

एमडी कार्डियोलाजिस्ट की डिग्री फर्जी है-

एमडी कार्डियोलॉजिस्ट की डिग्री फर्जी बनवाई है, यूके गया और एमडी एमआरसीपी का कोर्स किया. इसके बाद एक दो साल वाले कुछ और कोर्स किए. जब भारत आया तो यहां प्रैक्टिस करना संभव नहीं था. क्योंकि विदेश में ली गई डिग्रियों की मान्यता भारत में नहीं है. इसके लिए भारत की एमडी कार्डियोलॉजिस्ट की डिग्री चाहिए थी. फिर 2013 का पांडिचेरी मेडिकल कॉलेज के नाम से कार्डियोलॉजिस्ट का फर्जी सर्टिफिकेट बना लिया.

इसलिए बदल लिया नाम-

आरोपी डाक्टर यादव ने कहा कि डॉक्टरी का पूरा काम आता है. यह सब इसलिए किया कि बाहर की क्रिश्चियन कम्युनिटी में शामिल हो सकूं. मुझे लगा कि विदेशी बड़े डॉक्टर के रूप में भारत में प्रैक्टिस करूंगा तो ख्याति मिलेगी, इसलिए अपना नाम बदल लिया. रिमांड के दूसरे दिन आज आरोपी से पूछताछ शुरु की गई है.
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-