हैदराबाद. तेलंगाना सरकार ने डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती के दिन से एससी श्रेणीकरण कानून लागू कर दिया. यह कदम देश में अपनी तरह का पहला है और इसे सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद लागू किया गया है. सरकार ने आदेश में कहा कि तेलंगाना विधानमंडल के अधिनियम को आठ अप्रैल 2025 को तेलंगाना के राज्यपाल की स्वीकृति प्राप्त हुई और उक्त स्वीकृति को सर्वमान्य जानकारी के लिए 14 अप्रैल 2025 को तेलंगाना राजपत्र में पहली बार प्रकाशित किया जाता है.
क्या है एससी श्रेणीकरण कानून?
तेलंगाना में अनुसूचित जातियों को मिलने वाले 15 प्रतिशत आरक्षण को तीन भागों में बांट दिया गया है, ताकि सबसे पिछड़े वर्गों को अधिक न्याय मिल सके. कानून के अनुसार-
ग्रुप I- सबसे पिछड़े 15 समुदाय, जो एससी जनसंख्या का 3.288 प्रतिशत हैं- इन्हें एक फीसदी आरक्षण मिलेगा.
ग्रुप II- मध्यम लाभ पाने वाले 18 समुदाय, जो 62.74 प्रतिशत हैं- इन्हें नौ फीसदी आरक्षण मिलेगा.
ग्रुप III- अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति वाले 26 समुदाय, जो 33.963 प्रतिशत हैं- इन्हें पांच फीसदी आरक्षण मिलेगा.
किस आधार पर हुआ यह वर्गीकरण?
इस वर्गीकरण के लिए जस्टिस शमीम अख्तर आयोग का गठन अक्तूबर 2024 में किया गया था. आयोग को विभिन्न एससी उप-जातियों की आर्थिक, शैक्षणिक, सामाजिक स्थिति का अध्ययन करने का जिम्मा मिला. आयोग ने सिफारिश की थी कि 59 अनुसूचित जाति (एससी) समुदायों को कुल 15 प्रतिशत आरक्षण के लिए तीन समूहों अर्थात I, II और III में विभाजित किया जाना चाहिए. आयोग ने सर्वे के दौरान
8600 से अधिक लोगों से सुझाव और अभिव्यक्ति प्राप्त की.
जनसंख्या वितरण, साक्षरता दर, उच्च शिक्षा में भागीदारी, रोजगार, सरकारी योजनाओं से लाभ और राजनीतिक भागीदारी जैसे कई बिंदुओं पर अध्ययन किया.
सभी समुदायों की बात सुनने के बाद एक विस्तृत रिपोर्ट दी.
कैबिनेट सब-कमेटी की अंतिम बैठक
कानून को लागू करने से पहले रविवार को सचिवालय में कैबिनेट की सब-कमेटी की अंतिम बैठक हुई. इसमें मंत्री डामोदर राजा नरसिम्हा, सीतक्का, पोनम प्रभाकर, जस्टिस शमीम अख्तर, वेलफेयर सचिव श्रीधर, लॉ सचिव तिरुपति और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. इस बैठक में गाइडलाइन्स और आदेश को अंतिम रूप दिया गया.
पिछली सरकारें और कांग्रेस का वादा
मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि यह एक दशकों पुरानी मांग थी, जिसे न तो संयुक्त आंध्र प्रदेश में और न ही तेलंगाना बनने के बाद किसी सरकार ने कानूनी रूप से लागू किया. उन्होंने बताया कि वे खुद 1999 से हर विधानसभा सत्र में इस मुद्दे को उठते हुए देख रहे हैं, लेकिन अब जाकर कांग्रेस सरकार ने इसे हकीकत बनाया. उन्होंने यह भी कहा कि इस निर्णय के पीछे कांग्रेस पार्टी की सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता और राष्ट्रीय नेतृत्व, खासकर राहुल गांधी का समर्थन शामिल है. यह कानून 18 मार्च को तेलंगाना विधानसभा में सर्वसम्मति से पास हुआ और इसके बाद राज्यपाल विष्णु देव वर्मा ने भी मंजूरी दे दी.
क्रीमी लेयर की सिफारिश अस्वीकार
जस्टिस अख्तर आयोग ने एससी वर्ग के भीतर भी आर्थिक आधार पर 'क्रीमी लेयर' लागू करने की सिफारिश की थी, लेकिन सरकार ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया. मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि सरकार का मकसद सभी समूहों को न्याय दिलाना है, किसी को बाहर नहीं करना. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी मौजूदा लाभ को कम नहीं किया जाएगा, बल्कि इस वर्गीकरण से न्यायसंगत वितरण को बढ़ावा मिलेगा.
भविष्य में आरक्षण बढ़ाने पर विचार
फिलहाल तेलंगाना में एससी आरक्षण 2011 की जनगणना के अनुसार 15 प्रतिशत है, लेकिन एससी जनसंख्या अब लगभग 17.5 प्रतिशत हो चुकी है. इसलिए सरकार 2026 की जनगणना के बाद आरक्षण बढ़ाने पर भी विचार करेगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-