तेलंगाना : 60 घंटे से सुरंग में ही फंसे आठ लोगों के जीवन की आस टूट रही, अब रैट माइनर्स की मदद से टनल से निकाले जाएंगे

तेलंगाना : 60 घंटे से सुरंग में ही फंसे आठ लोगों के जीवन की आस टूट रही, अब रैट माइनर्स की मदद से टनल से निकाले जाएंगे

प्रेषित समय :13:12:39 PM / Tue, Feb 25th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

हैदराबाद. भारतीय सेना, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियों के काफी प्रयासों के बाद भी तेलंगाना के नगरकुरनूल जिले के श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) परियोजना की निर्माणाधीन सुरंग में छत का एक हिस्सा ढह जाने से 14 किमी अंदर फंसे आठ लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने में 60 घंटे के बाद भी कोई सफलता नहीं मिल पाई है.

वर्ष 2023 में उत्तराखंड के सिल्कयारा बेंड-बरकोट सुरंग में फंसे निर्माण श्रमिकों को बचाने वाले खनिकों (रैट माइनर्स) की एक टीम भी इन आठ लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ, सेना और अन्य के साथ बचाव कार्य में शामिल हो गई है. बचाव अभियान के लिए सोमवार को एंडोस्कोपिक और रोबोटिक कैमरे सुरंग में लाए गए. इस अभियान में सहायता के लिए एनडीआरएफ डॉग स्क्वायड को भी तैनात किया गया है. उधर, इस दुर्घटना में जीवित बचे कर्मचारियों को अपने सहकर्मियों की सुरक्षित वापसी की उम्मीद है.

सिल्कयारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को अवसाद व नींद की समस्या हो रही है. बता दें, नवंबर 2023 में उत्तराखंड की सिल्कयारा सुरंग में फंसने के बाद बचकर निकले एक तिहाई श्रमिकों की जांच करने पर पता चला कि उन्हें मानसिक स्वास्थ्य और नींद संबंधी समस्याएं हुईं थी. शोधकर्ताओं ने 33 श्रमिकों से उनकी दैनिक दिनचर्या, चिंताओं, नींद के बारे में पूछा तो पता चला है कि उनमें से लगभग एक तिहाई को समय संबंधी भ्रम का सामना करना पड़ा जिसके कारण उन्हें नींद और मानसिक अवसाद संबंधी समस्याएं हुईं.

तेलंगाना में टनल में फंसे झारखंड के गुमला के चार श्रमिकों के परिवारों से एक-एक सदस्य सोमवार को विमान से वहां पहुंच गए. जानकारी के मुताबिक, कार्यदायी संस्था जयप्रकाश एसोसिएट्स एलटीएस ने टनल में फंसे मजदूरों के स्वजन को तेलंगाना बुलाया था. मुख्यमंत्री के निर्देश पर गुमला के उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने मजदूरों के एक-एक स्वजन को विमान से तेलंगाना भेजने की व्यवस्था कराई.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-