अमेरिका से ट्रेड वार के बीच भारत से चीन की गुहार, घाटा कराएंगे कम, हमें भी एक मौका दो

अमेरिका से ट्रेड वार के बीच भारत से चीन की गुहार, घाटा कराएंगे कम, हमें भी एक मौका दो

प्रेषित समय :12:34:28 PM / Sat, Apr 19th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. अमेरिका और चीन के बीच चल रहे टैरिफ वार के बीच चीन ने भारत की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया है. चीन ने कहा है कि वह भारतीय व्यापार घाटा कम करने में मदद को तैयार है. चीन ने भारत से गुहार लगाते हुए कहा कि उसकी कंपनियों को भी उचित माहौल दिया जाना चाहिए.

हाल ही में सामने आई रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा रिकॉर्ड 99.2 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. इसी के मद्देनजर चीन ने भारत को आश्वस्त किया है कि वह इस असंतुलन को दूर करने के लिए कदम उठाने को तैयार है. चीनी राजदूत ने कहा है कि चीन में भारतीय सामानों के लिए बाजार खुला है और प्रीमियम भारतीय उत्पादों का स्वागत किया जाएगा. चीन ने यह भी कहा है कि वह भारतीय कंपनियों को चीनी बाजार की मांगों को समझने और वहां पैर जमाने में हरसंभव मदद करेगा.

भारत में बतौर राजूदत कार्यभार संभालने के बाद एक टीवी चैनल को इंटरव्यू देते हुए चीन के दूत शू फेइहोंग ने कहा कि भारत और चीन के बीच व्यापारिक संबंध विन-विन यानी दोनों के लिए लाभदायक होने चाहिए. उन्होंने कहा, चीन ने कभी व्यापार अधिशेष को जानबूझकर नहीं बढ़ाया. यह बाजार की स्वाभाविक प्रवृत्ति का परिणाम है. राजदूत ने बताया कि साल 2024 में भारत से चीन को मिर्च, लौह अयस्क और कॉटन यार्न जैसे उत्पादों के निर्यात में तेज वृद्धि देखी गई है – जिनमें क्रमश: 17त्न, 160त्न और 240त्न की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. राजदूत शू ने कहा कि चीन दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार है और यहां का मिडिल क्लास वर्ग विशाल है. भारतीय कंपनियों को चीन इंटरनेशनल इम्पोर्ट एक्सपो, चाइना-साउथ एशिया एक्सपो और चाइना इंटरनेशनल कंज्यूमर प्रोडक्ट्स एक्सपो जैसे मंचों का लाभ उठाना चाहिए.

इंटरव्यू में उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि भारत चीनी कंपनियों को एक निष्पक्ष, पारदर्शी और गैर-भेदभावपूर्ण व्यापारिक वातावरण देगा. इससे दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग और मजबूत होगा तथा दोनों देशों की जनता को इसका वास्तविक लाभ मिलेगा. जब चीन के उपकरणों और मैनपावर पर लगे निर्यात नियंत्रण को लेकर भारत की चिंताओं पर सवाल पूछा गया, तो राजदूत ने साफ किया कि चीन ने कभी ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है. उलटा, उन्होंने कहा, चीनी नागरिकों को भारतीय वीजा पाने में काफी कठिनाई होती है, यहां काम कर रही चीनी कंपनियों को अनुकूल माहौल नहीं मिलता, और मीडिया में अक्सर चीनी निवेश का विरोध सुनाई देता है. राजदूत ने यह भी कहा कि दोनों देशों को आपसी विश्वास और सहयोग के साथ आगे बढऩा चाहिए और एक-दूसरे की चिंताओं को समझते हुए समाधान की दिशा में काम करना चाहिए. शू फेइहोंग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान का समर्थन किया जिसमें कहा गया था कि प्रतिस्पर्धा को संघर्ष में नहीं बदलना चाहिए. उन्होंने कहा कि संवाद ही स्थायी सहयोगी रिश्ते का आधार है और चीन भारत के साथ ऐसे रिश्ते को मजबूती देना चाहता है. साथ ही उन्होंने स्ष्टह्र समिट में पीएम मोदी का चीन में स्वागत करने की बात भी कही.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-