• रविवार आदित्य हृदय स्तोत्र, श्रीराम रक्षास्तोत्र, श्रीराम अथवा महादेव की पूजा-आराधना
सोमवार - शिव-पार्वती स्तोत्र पाठ व सदाशिव आराधना
• मंगलवार - श्रीदुर्गा कवच, यथाशक्ति सप्तशती पाठ, दुर्गासहस्रनाम और श्रीदुर्गा माँ अथवा मंगलग्रह की स्वामिनि मां मंगलचंडिका की आराधना
• बुधवार - विष्णुसहस्रनाम अथवा गोपालसहस्रनाम, हरिनाम संकीर्तन व श्रीविष्णु आराधना
• गुरुवार - गुरुग्रह मंत्र जाप, गुरु रुपी आचार्यों दिवस, ज्ञानदाता बुद्धिप्रद श्रीभगवान गणेश गजानन की आराधना
• शुक्रवार - श्रीसुक्त पाठ, मां महालक्ष्मीस्तोत्र, लक्ष्मी पूजन और आराधना का दिन
• शनिवार - सुंदरकांड, हनुमान चालीसा के कुछ पाठ, या काली चालीसा कालीकवच अथवा मंगलमूर्ति शनिदोषशमनकर्ता हनुमान जी की आराधना
सूर्य आरोग्य के और चन्द्रमा सम्पत्ति के दाता है. मंगल व्याधियों का निवारण करते हैं, बुध पुष्टि देते हैं, बृहस्पति आयु की वृद्धि करते हैं, शुक्र भोग देते हैं और शनैश्चर मृत्यु का निवारण करते हैं ये सात वारों के क्रमशः फल बताये गये हैं, जो उन उन देवताओं की प्रीति से प्राप्त होते हैं. अन्य देवताओं की भी पूजा का फल देनेवाले भगवान् शिव ही हैं.
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