आकाश मंडल के नौ ग्रहों के भ्रमण से शुभ और अशुभ स्थिति बनती रहती है, और इसके अनुसार ही घटनाएं संसार में होती रहती है,16 जून 2013 को केदारनाथ में जो आपदा आई थी उस घटना को 12 वर्ष हो चुके है, गुरु ग्रह अपना भ्रमण 12 वर्ष में एक बार पूरा करता है,यानी 2013 में जो ग्रह स्थिति थी वहीं ग्रह स्थिति फिरसे
बनने वाली है.
*16 जून 2013 की गुरु ग्रह जो कि आकाश तत्व का कारक है, मिथुन राशि में था साथ ही मिथुन राशि का स्वामी बुध और सूर्य भी इस राशि में थे , मिथुन राशि संचार की राशि है, गुरु ग्रह जब भी बुध ग्रह की राशि में भ्रमण करता है तो निश्चित रूप से संसार के संचार, आवागमन ,बैंकिंग और प्राकृतिक क्षेत्र में भारी विपदा का योग बनता है,2013 में बनी यह ग्रह स्थिति फिर बन रही है,15 जून से 26 जून तक गुरु, बुध और सूर्य तीनों मिथुन राशि में रहेंगे,इसी समयावधि में उत्तर दिशा में धार्मिक क्षेत्रों में भारी प्रलय ,अपडेट और बवंडर आदि हो सकता है,इस समय सभी आमजनों को उत्तर दिशा के क्षेत्रों में धार्मिक यात्रा आदि में विशेष सावधानी रखना चाहिए,सरकार के दिशा निर्देशित को पालन करना चाहिए, अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए, ध्यान रहे भारत वर्ष में इस समय में ही मानसून आता है और पहाड़ों में अचानक बादल फटने और पहाड़ों के गिरने की घटना होती है, पूर्वोत्तर भारत, उत्तराखंड, हिमाचल और कश्मीर जाने वाले लोग इस समयावधि का विशेष ध्यान रखे.
*पंडित चंद्रशेखर नेमा हिमांशु*
मां कामाख्या साधक, जन्म कुंडली विशेषज्ञ वास्तु शास्त्री
9893280184