जबलपुर. पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर रेल मंडल के इंजीनियरिंग विभाग का भ्रष्टाचार की पोलरविवार को उस समय खुल गई, जब अचानक आयी आंधी में कटनी-सिंगरौली रेलखंड के विजयसोता स्टेशन पर एफओबी (फुट ओवर ब्रिज) में लगे टिन के शेड जरा सी आंधी-तूफान में उखड़कर हवा में तिनकों की तरह उड़ गये. इस घटना ने रेलवे यात्रियों की सुरक्षा व संरक्षा पर गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है.
गत रविवार 27 अप्रैल की शाम को एमपी में कई जिलों में आंधी-तूफान ने अपना असर जमकर दिखाया इस दौरान जबलपुर रेल मंडल के विजयसोता स्टेशन पर भी तेज हवा, आंधी चली. यहां पर रेल यात्रियों को प्लेटफार्म के दूसरी तरफ आने-जाने के लिए बनाये गये फुट ओवर ब्रिज के ऊपर टिन के जो शेड बनाये गये थे. वे इस आंधी तूफान में उखड़ गये और काफी दूर तक उड़कर चले गये. यह तो अच्छा रहा कि जिस समय यह घटना हुई, उस समय प्लेटफार्म खाली था औेर कोई ट्रेन भी नहीं थी, नहीं तो बड़ा हादसा टिन के शेड उड़कर लगने से हो सकता था. रेल कर्मचारी जो ड्यूटी पर स्टेशन पर थे, वे सुरक्षित स्थानों पर जान बचाने के लिए छिपे हुए थे.
घटिया कार्य से यात्रियों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल
रेलवे की जो गाइड लाइन है उसके मुताबिक रेलवे स्टेशनों पर जहां पर यात्रियों की आवाजाही होती है, उस स्थान पर सुरक्षा के कड़े उपाय करते हुए गुणवत्तापूर्ण कार्य कराया जाता है, लेकिन विजयसोता स्टेशन पर जिस प्रकार एफओबी में लगे टिन उखड़कर पत्तों की तरह हवा में उड़ गये, इससे इंजीनियरिंग विभाग के घटिया काम का खुलासा हो गया है. साथ ही रेल यात्रियों की सुरक्षा व संरक्षा पुख्ता होने के रेल प्रशासन के दावों की भी पोल खुल गई है.
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