जैसे ही शनिदेव 29 मार्च से मीन राशि में आए वैसे ही देव गुरु बृहस्पति इनकी तीसरी दृष्टि में आ गए , तब से गुरु प्रधान राशि वालो के काम रुक से गए है, क्योंकि शनि महाराज की तीसरी दृष्टि अत्यंत मारक होती है.
29 मार्च से 14 मई तक गुरुदेव शनि की तीसरी दृष्टि में रहेंगे, अर्थात 45 दिन गुरुदेव शनि की दृष्टि के प्रभाव में रहेंगे,14 मई को गुरुदेव वृषभ राशि छोड़कर मिथुन राशि में आ जाएंगे, फिर गुरु महाराज शनि के प्रभाव से मुक्त रहेंगे,टेब तक गुरु प्रधान राशियों के कार्यों में थोड़ी रुकावट आएगी.
*मेष,कर्क, सिंह, कन्या, वृश्चिक ,धनु, और मीन राशी वालो को 14 मई तक थोड़ी पीड़ा रहेगी, लेकिन जैसे ही गुरू शनि की दृष्टि से मुक्त होंगे वैसे ही इन राशियों को उत्तम परिणाम प्राप्त होंगे.
*इन राशियों को पैरों में तकलीफ हो सकती है.
*शनि और शुक्र प्रधानों राशि वृषभ, तुला, मकर और कुंभ के काम बनेंगे.
*पंडित चंद्रशेखर नेमा हिमांशु*
मां कामाख्या साधक, जन्म कुंडल विशेषज्ञ वास्तु शास्त्री
9893280184