इस्लामाबाद. पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने एक बड़ा कबूलनामा किया है. उन्होंने स्वीकार किया है कि पाकिस्तान का कट्टरता और आतंकवाद के समर्थन का इतिहास रहा है. बिलावल ने यह बात रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के उस पहले दिए गए बयान की पुष्टि करते हुए कही है, जिसमें आसिफ ने स्वीकार किया था कि पाकिस्तान ने दशकों तक आतंकवाद का समर्थन किया और उन्हें प्रशिक्षण दिया.
स्काई न्यूज़ की पत्रकार यालदा हाकिम के साथ एक बातचीत में बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा, जहां तक रक्षा मंत्री की बात हैज् मुझे नहीं लगता कि यह बात सीक्रेट है कि पाकिस्तान का एक इतिहास रहा है. इसका नतीजा रहा कि हमें भुगतना भी पड़ा है. हमारे यहां कट्टरता की लहर पैदा हुई है, जिसका नतीजा हुआ कि हमने भुगता. लेकिन अब हमने कुछ सबक भी सीखे हैं. हमने इस समस्या से निपटने के लिए कुछ आंतरिक सुधार भी किए हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सच है कि पाकिस्तान का कट्टरता का इतिहास रहा है, जिसे नकारा नहीं जा सकता.
बिलावल का यह बयान रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के उस कबूलनामे के बाद आया है, जिसमें आसिफ ने कहा था कि पाकिस्तान ने करीब तीन दशकों तक अमेरिका और पश्चिमी देशों, खासकर ब्रिटेन, के लिए आतंकवादी पाले और उन्हें ट्रेनिंग दी. आसिफ ने यह बात तब स्वीकार की थी जब उनसे सवाल पूछा गया था कि क्या वह मानते हैं कि पाकिस्तान का आतंकवाद को समर्थन देने, ट्रेनिंग और फंडिंग देने का इतिहास रहा है.
बिलावल ने अपनी बातचीत में आगे कहा कि पाकिस्तान के इतिहास की बात अब बीता हुआ कल है और आज के फैसले उससे प्रभावित नहीं हैं. उन्होंने इसे पाकिस्तान का बीता हुआ दुर्भाग्यपूर्ण कल बताया. उन्होंने यह भी कहा कि अब पाकिस्तान ने आतंकवाद से निपटने के लिए कदम उठाए हैं और उसका असर भी दिख रहा है.
गौरतलब है कि इससे पहले बिलावल भुट्टो जरदारी ने सिंधु जल समझौते को लेकर भारत को परोक्ष रूप से धमकी देते हुए कहा था कि यदि सिंधु नदी में पानी नहीं बहेगा तो फिर हम खून बहा देंगे. उनकी इस टिप्पणी की काफी आलोचना हुई थी.
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