बांग्लादेश पर भारत की इकोनॉमिक स्ट्राइक, लैंड पोर्ट्स बंद, 770 मिलियन डॉलर का दिया झटका

बांग्लादेश पर भारत की इकोनॉमिक स्ट्राइक, लैंड पोर्ट्स बंद, 770 मिलियन डॉलर का दिया झटका

प्रेषित समय :12:39:22 PM / Mon, May 19th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली/ढाका. पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर सख्त कार्रवाई के साथ-साथ अब उन देशों के खिलाफ भी एक्शन मोड में आ गया है जो पाकिस्तान और चीन के करीबी माने जाते हैं. इस लिस्ट में अब बांग्लादेश का नाम भी जुड़ गया है. भारत ने बांग्लादेश के लिए बड़ी इकोनॉमिक स्ट्राइक करते हुए उसके लैंड पोर्ट्स के ज़रिए व्यापार पर कड़ा प्रतिबंध लगा दिया है. इस फैसले से बांग्लादेश को करीब 770 मिलियन डॉलर (9,367 करोड़ बांग्लादेशी टका) का तगड़ा झटका लग सकता है. लैंड रूट बंद होने के चलते जमीनी बंदरगाहों पर जाम लग गया है. ट्रक सामान लादे खड़े हैं.

पिछले दिनों चीन में बांग्लादेश के एक प्रतिनिधि मोहम्मद युनूस द्वारा भारत विरोधी टिप्पणियां की गईं, जिसके बाद भारत सरकार ने सख्त रुख अपनाया. इसके चलते भारत ने बांग्लादेश को दी गई ट्रांसशिपमेंट सुविधा को 9 अप्रैल 2025 को वापस ले लिया. यह वही सुविधा थी जिसके तहत बांग्लादेश भारतीय बंदरगाहों और दिल्ली एयरपोर्ट के ज़रिए मिडल ईस्ट और यूरोप को माल एक्सपोर्ट करता था.

भारत ने अब रेडीमेड गारमेंट्स, प्रोसेस्ड फूड्स और प्लास्टिक प्रोडक्ट्स जैसे बांग्लादेशी सामानों के लिए लैंड पोर्ट्स को पूरी तरह बंद कर दिया है. विदेश व्यापार महानिदेशालय के नए निर्देशों के मुताबिक, बांग्लादेश से भारत में इन प्रोडक्ट्स का आयात अब केवल दो समुद्री बंदरगाहों- कोलकाता और न्हावा शेवा (महाराष्ट्र) के ज़रिए ही किया जा सकेगा.

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, भारत के इस फैसले से बांग्लादेश को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. रिपोर्ट बताती है कि अब तक भारत-बांग्लादेश के बीच होने वाले कुल व्यापार का करीब 93 प्रतिशत हिस्सा लैंड पोर्ट्स से आता था. इन बंदरगाहों के बंद होने से न केवल एक्सपोर्ट की लागत बढ़ेगी, बल्कि इससे बांग्लादेश के सबसे फायदेमंद एक्सपोर्ट रूट पर सीधा असर पड़ेगा.

ग्लोबल रिपोर्ट के मुताबिक, अकेले रेडीमेड गारमेंट्स की सालाना वैल्यू करीब 618 मिलियन डॉलर है, जो अब सिर्फ दो सी-पोर्ट्स से होकर ही भारत पहुंचेगी. लैंड पोर्ट्स बंद होने का सीधा मतलब है- ट्रांसपोर्ट खर्च बढ़ेगा, डिलिवरी टाइम बढ़ेगा और मार्केट कॉम्पिटिटिवनेस घटेगी. इसका असर बांग्लादेश की निर्यात अर्थव्यवस्था पर बहुत गहरा पड़ेगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-