उदयपुर. राजस्थान के उदयपुर में तेज आंधी और बरसात के बीच सोमवार शाम को फतहसागर में 34 पर्यटकों की जान पर बन आई. पर्यटकों की नाव झील के बीच अंधड़ नहीं झेल पाई और डोलने लगी. बड़ी मशक्कत के बाद नाव को झील के बीच स्थित नेहरू गार्डन से सटाकर पर्यटकों को उतारा गया.
पर्यटकों से भरी नाव के लापता होने की सूचना पर पुलिस-प्रशासन में हड़कम्प मच गया. फिर सिविल डिफेंस ने सभी को रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला. झील में बड़ा हादसा टलने पर सभी ने राहत की सांस ली.
महिलाएं चिल्लाने लगी और बच्चे रोने लगे
घटनाक्रम शाम 4 बजे हुआ, जब शहर में अचानक तेज अंधड़ चला. पर्यटकों की नाव फतहसागर के बीचोबीच बने नेहरू गार्डन के आसपास थी. अंधड़ में उठी ऊंची लहरों से नाव इतनी बेकाबू हुई कि सभी घबरा गए. महिलाएं चिल्लाने लगी और बच्चे रोने लगे.
सिविल डिफेंस की टीम ने रेस्क्यू कर पर्यटकों को किनारे पहुंचाया
नाव इतनी झुक गई कि पर्यटक एक दूसरे को थामने लगे और लहरों का पानी नाव में घुसने लगा. नाव चालक झील में कूदा और नेहरू गार्डन की दीवार से रस्सी बांधी. रस्सी छोटी पडऩे पर पर्यटक महिलाओं के दुपट्टे बांधकर नाव को खींचा. फिर सभी पर्यटकों को नेहरू गार्डन में उतारा. फिर सिविल डिफेंस की टीम ने रेस्क्यू कर किनारे पहुंचाया. सभी पर्यटक बाहरी राज्यों के थे. कुल 34 जनों में से दस बच्चे, सात पुरुष, 17 महिलाएं थी.
नाव संचालन बंद
मोतीमगरी के सामने उज्जैन ड्रीम कम्पनी की ओर से संचालित उदयपुर बोट क्लब की नाव फतहसागर में फंसी. यूडीए कमिश्नर ने अस्थायी रूप से बोट संचालन बंद करवा दिया. हादसे की जांच की जा रही है. सूचना पर कलक्टर नमित मेहता, एडीएम दीपेन्द्र सिंह राठौड़, यूडीए कमिश्नर राहुल जैन, एसीई संजीव शर्मा, विधायक ताराचंद जैन, फूलसिंह मीणा आदि मौके पर पहुंचे.