Supreme Court: सिविल जज बनने के लिए तीन साल की एडवोकेट प्रैक्टिस जरूरी!

Supreme Court: सिविल जज बनने के लिए तीन साल की एडवोकेट प्रैक्टिस जरूरी!

प्रेषित समय :20:31:51 PM / Tue, May 20th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

अभिमनोज
किसी भी क्षेत्र में उच्च पद पर कार्य करने के लिए उस क्षेत्र का प्रायोगिक अनुभव और तौर-तरीकों का ज्ञान आवश्यक है, सुप्रीम कोर्ट का एक अच्छा फैसला है कि- सिविल जज जूनियर डिविजन के पद के लिए उम्मीदवार अब सीधे परीक्षा पास कर नियुक्त नहीं हो सकेंगे और उन्हें तीन साल कम-से-कम बतौर एडवोकेट प्रैक्टिस करना जरूरी होगा. 
खबरें हैं कि.... सीजेआई बीआर गवई, जस्टिस एजी मसीह और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने अपने एक फैसले में कहा है कि- देखा गया है कि जो नए कानून स्नातक न्यायपालिका में नियुक्त होते हैं, उनके चलते कई समस्याएं हुई हैं, ऐसे में सभी उम्मीदवारों को न्यायपालिका में प्रवेश के लिए कम-से-कम तीन साल बतौर एडवोकेट प्रैक्टिस करना जरूरी होगा.
खबरों की मानें तो.... अदालत का कहना है कि- न्यायिक व्यवस्था में आने से पहले अदालती कामकाज का अनुभव मिलना बेहद जरूरी है, कई हाईकोर्ट ने अनुभव किया है कि युवा कानून स्नातकों को न्यायिक पदों पर नियुक्त करने से कई समस्याएं होती हैं, अदालत के कामकाज का प्रैक्टिकल अनुभव न्यायिक व्यवस्था की दक्षता और प्रतिस्पर्धा को बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी है.
उल्लेखनीय है कि.... सुप्रीम कोर्ट ने ऑल इंडिया जज एसोसिएशन की याचिका पर यह फैसला सुनाया है.
अदालत का कहना है कि- प्रैक्टिस की अवधि नामांकन की तारीख से मानी जा सकती है, साथ ही, यह भी स्पष्ट किया कि- यह आदेश हाईकोर्ट में हो चुकी नियुक्तियों पर लागू नहीं होगा और भविष्य में होने वाली नियुक्तियों में ही ये शर्त लागू होगी, इसके लिए उम्मीदवार को दस साल तक प्रैक्टिस कर चुके वरिष्ठ वकील या तय न्यायिक अधिकारी द्वारा जारी सर्टिफिकेट दिखाना होगा, यदि कोई एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट में प्रैक्टिस कर रहा है, तो ऐसे उम्मीदवार को सुप्रीम कोर्ट में दस साल तक प्रैक्टिस कर चुके एडवोकेट या तय न्यायिक अधिकारी द्वारा जारी सर्टिफिकेट प्रस्तुत करना होगा!
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-