अभिमनोज
यह मामला वर्ष 2018 का है, जब पश्चिम बंगाल की एक 14 वर्षीय लड़की को उसकी मां ने पहले लापता बताया था, बाद में बताया गया कि- उसने 25 वर्षीय व्यक्ति से शादी कर ली, आरोप यह था कि- उस व्यक्ति ने उसका अपहरण किया था, जिसे 2022 में एक जिला अदालत ने दोषी ठहराया और 20 साल जेल की सजा सुनाई.
लेकिन, खबरों की मानें तो.... सुप्रीम कोर्ट ने पॉक्सो केस में दोषी युवक को सजा नहीं दी, अदालत ने माना कि- पीड़िता अब आरोपित से शादी कर चुकी है और उसके संघर्ष ने कानून की कई खामियों को उजागर किया है, इतना ही नहीं, अदालत ने समाज, परिवार और कानून व्यवस्था की भूमिका पर सवाल उठाते हुए सरकार को भी निर्देश दिए हैं.
खबरें हैं कि.... सुप्रीम कोर्ट ने यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के तहत दोषी करार दिए गए युवक को यह कहते हुए सजा न देने का फैसला किया कि- मामला कानून-व्यवस्था की खामियों को उजागर करने वाला है, आरोपित पीड़िता से अब शादी कर चुका है और एक बच्चे का पिता है.
अदालत का कहना है कि- भावनात्मक रूप से आरोपित के साथ जुड़ चुकी पीड़िता को उसे सजा से बचाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा, उस समय युवती का यौन उत्पीड़न किया गया था जब वह नाबालिग थी.
खबरों पर भरोसा करें तो.... जस्टिस अभय ओका और उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि- कानून की नजर में तो यह अपराध है, लेकिन पीड़िता ने इसे अपराध नहीं माना, इस मामले के तथ्य सबके लिए आंखें खोलने वाले हैं, कानून व्यवस्था में खामियों की ओर संकेत करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 142 का प्रयोग किया, जो उसे पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कोई भी आदेश पारित करने की शक्ति देता है और इसके तहत ही अदालत ने नाबालिग के साथ यौन संबंध बनाने के आरोपी को कोई सजा नहीं देने का फैसला किया!
रेप विक्टिम से शादी करने पर सुप्रीम कोर्ट ने माफ की दोषी की सजा!
प्रेषित समय :19:28:33 PM / Sun, May 25th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर




