जापान की जनसंख्या ने तोड़ा रिकॉर्ड, पहली बार जन्म दर निचले स्तर 1.15 पर पहुंची, देश में युवा पीढ़ी गायब

जापान की जनसंख्या ने तोड़ा रिकॉर्ड, पहली बार जन्म दर निचले स्तर 1.15 पर पहुंची, देश में युवा पीढ़ी गायब

प्रेषित समय :13:02:09 PM / Wed, Jun 4th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

टोक्यो. जापान में बच्चों के जन्म की संख्या और जन्म दर दोनों ऐतिहासिक रूप से अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई हैं. साल 2024 में जापान में केवल 6,86,061 बच्चों का जन्म हुआ, जो कि 2023 के मुकाबले 41,227 कम है. ये पहली बार है जब देश में सालभर में जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या 7 लाख से नीचे चली गई है. ये आंकड़े 1899 से अब तक के रिकॉर्ड में सबसे कम हैं.

कितनी कम हुई जन्म दर?

जापान की कुल प्रजनन दर यानी टोटल फर्टिलिटी रेट (टीएफआर) भी 2024 में गिरकर 1.15 पर आ गई है. इसका मतलब है कि एक महिला अपने जीवनकाल में औसतन सिर्फ 1.15 बच्चे पैदा कर रही है, जबकि जनसंख्या को स्थिर रखने के लिए कम से कम 2.1 की दर जरूरी मानी जाती है.

बुजुर्गों की बढ़ती संख्या और मौतें

2024 में जापान में 16 लाख से ज्यादा मौतें दर्ज की गईं, जो कि 2023 से 1.9त्न अधिक हैं. जापान की आबादी बहुत तेज़ी से बुजुर्ग होती जा रही है. 20,000 से ज्यादा गांव और समुदाय ऐसे हैं जहां 65 साल से ऊपर के लोग बहुमत में हैं.

कामगारों की भारी कमी

12.3 करोड़ की आबादी वाले इस देश में अब वर्कफोर्स की भारी कमी हो रही है. इसकी एक बड़ी वजह है सख्त इमीग्रेशन नियम, जिसकी वजह से बाहर से लोग आकर जापान में बस नहीं पा रहे.

सरकार क्या कर रही है?

प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने इस स्थिति को शांत आपातकाल कहा है. उन्होंने वादा किया है कि परिवारों के लिए लचीले वर्किंग आवर्स और गांवों के पुनर्जीवन जैसे कदम उठाए जाएंगे, ताकि लोग शादी और बच्चे पैदा करने के लिए प्रेरित हों.

दूसरे देश क्या कर रहे हैं?

जापान के पड़ोसी दक्षिण कोरिया की स्थिति और भी चिंताजनक है. वहां की प्रजनन दर केवल 0.75 है, जो दुनिया में सबसे कम मानी जाती है. हालांकि 2024 में वहां थोड़ी बढ़ोतरी देखी गई क्योंकि शादी के मामलों में थोड़ा उछाल आया है. जापान के लिए यह सिर्फ जनसंख्या का नहीं, बल्कि आर्थिक और सामाजिक ढांचे का संकट बन चुका है. अगर समय रहते इस पर ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आगे चलकर देश को वर्कफोर्स, वृद्धों की देखभाल और आर्थिक विकास में बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-