बेंगलुरु. बेंगलुरु भगदड़ मामले में कर्नाटक सरकार ने आज हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट सौंपी. इसमें बताया कि केस की जांच अब CID व SIT करेगी. इसके लिए अलग अलग टीम बनाई गई है. सरकार ने बताया की भगदड़ मामले में रॉयल चैंलेंजर्स बेंगलुरु (RCB), DNA इवेंट मैनेजमेंट कंपनी व कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इन पर विक्ट्री परेड के दौरान आपराधिक लापरवाही का आरोप लगाया गया है. FIR में कहा गया है कि भगदड़ की घटना अव्यवस्था व जिम्मेदार एजेंसियों की लापरवाही के कारण हुई है.
वहीं इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. एक्टिंग चीफ जस्टिस वी कामेश्वर राव और जस्टिस सी एम जोशी बेंच ने राज्य सरकार को हादसे पर स्टेट्स रिपोर्ट पेश करने को कहा है. अब अगली सुनवाई 10 जून को होगी. वहीं याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से कहा कि राज्य सरकार को यह बताना चाहिए कि RCB के खिलाडिय़ों को सम्मानित करने का फैसला किसने लिया है. जो खिलाड़ी देश के लिए नहीं खेलते उन्हें सम्मानित करने की क्या मजबूरी थी.
गौरतलब है कि 4 मई को रॉयल चैंलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने पहली बार IPL खिताब जीतने पर बेंगलुरु में विक्ट्री परेड का आयोजन किया था. पहले राज्य सरकार ने विधानसभा परिसर में सभी खिलाडिय़ों का सम्मान किया. इसके बाद चिन्नास्वामी स्टेडियम में कार्यक्रम में हुआ. इससे पहले ही स्टेडियम के बाहर जुटी भीड़ में भगदड़ मचने से 11 लोगों की मौत हो गई. 33 घायल हैं. सभी मरने वाले 35 साल से कम उम्र के थे, 3 टीनएजर हैं. स्टेडियम में फ्री पास से एंट्री. पास RCB की वेबसाइट से लेने थे. एक दिन पहले घोषणा होने के बाद बड़ी संख्या में लोग वेबसाइट विजिट करने लगे तो साइट क्रैश हो गई. पास पाने वालों के साथ ही बिना पास के लोग भी स्टेडियम पहुंचे. इससे भीड़ का अंदाजा नहीं हो सका.
प्रारंभिक जांच के मुताबिक भीड़ ने स्टेडियम में घुसने के लिए गेट नंबर 12, 13 व 10 तोडऩे की कोशिश की. पुलिस ने लाठीचार्ज किया. नाले पर रखा स्लैब ढह गया. हल्की बारिश के बीच भगदड़ मच गई. दोपहर लगभग 3.30 बजे भीड़ और बढ़ी तो सभी गेट बंद कर दिए गए. इससे पास वाले भी अंदर नहीं घुस पाए. हंगामा शुरू हो गया. गेट नंबर 10 पर स्थिति ज्यादा बिगड़ी. पुलिस ने महिलाओं-बच्चों को पीछे धकेला, कुछ महिलाएं बेहोश होकर गिर गईं. सरकार ने कहा कि 5 हजार सुरक्षाकर्मी थे, लेकिन भीड़ बहुत थी. इसलिए विक्ट्री परेड नहीं हो सकी. सूत्रों के मुताबिक इनमें से ज्यादातर पुलिसकर्मी 36 घंटे से ड्यूटी पर थे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-