लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 20 जून को गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का उद्घाटन कर दिया है. इस एक्सप्रेसवे के चालू हो जाने से गोरखपुर, आजमगढ़, लखनऊ और प्रयागराज की यात्रा अब और भी आसान हो जाएगी. यह एक्सप्रेसवे न केवल समय बचाएगा, बल्कि इन क्षेत्रों के विकास को भी गति प्रदान करेगा.
इस परियोजना की सफलता में किसानों का महत्वपूर्ण सहयोग रहा है. बिना किसी विरोध के उन्होंने इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए अपनी भूमि उपलब्ध कराई. सरकार ने चार जिलों के 172 गांवों से कुल 1148.77 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया, जिसके लिए 22029 किसानों को 2030.29 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया. यह किसानों और सरकार के बीच सहयोग की एक मिसाल है.
3.5 घंटे में गोरखपुर से लखनऊ जाएं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को सबसे पहले आजमगढ़ के सलारपुर में इस परियोजना का लोकार्पण किया और जनसभा को संबोधित किया. इस एक्सप्रेसवे के चालू हो जाने से इससे जुड़े चार जिलों को तो लाभ मिलेगा ही, साथ ही गोरखपुर से लखनऊ और दिल्ली की दूरी भी कम समय में तय की जा सकेगी. अब गोरखपुर से लखनऊ की दूरी मात्र 3.5 घंटे में पूरी की जा सकेगी. गोरखपुर के दक्षिणांचल के खजनी, उरुवा, बेलघाट, गोला, बड़हलगंज जैसे इलाकों से शहर के मुख्य हिस्से तक लोगों का पहुंचना भी आसान हो जाएगा.
यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए यूपीडा (उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण) ने विशेष सुरक्षा फ्लीट तैयार की है, जिसमें 5 इनोवा, 5 कैंपर, 4 एंबुलेंस, 2 क्रेन और 1 हाइड्रा शामिल हैं. इस एक्सप्रेसवे पर 25 किलोमीटर पर यात्रियों के लिए रेस्ट एरिया भी बनाए गए हैं. अब 91.35 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे की दूरी 50 मिनट में तय की जा सकेगी.
औद्योगिक विकास को बढ़ावा
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) ने अपने महत्वपूर्ण औद्योगिक सेक्टर्स विकसित किए हैं. लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे ही गीडा ने 88 एकड़ क्षेत्रफल में उत्तर प्रदेश का पहला प्लास्टिक पार्क बनाया है, जिसमें प्लास्टिक उत्पाद की 92 इकाइयों हेतु विभिन्न क्षेत्रफल के आवंटन के लिए उपलब्ध भूखंडों में से करीब पांच दर्जन भूखंडों का आवंटन किया जा चुका है. प्लास्टिक पार्क में कुछ इकाइयों में उत्पादन भी शुरू हो चुका है, जो क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करेगा. गोरखपुर के अलावा एक और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर अंबेडकर नगर में भी बनेगा. चूंकि पूर्वांचल में खेतीबाड़ी ही रोजगार का प्रमुख जरिया है, लिहाजा दोनों कॉरिडोर में फूड प्रोसेसिंग इकाइयों और कोल्ड स्टोरेज की स्थापना पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है. इससे आने वाले समय में यहां की खेतीबाड़ी का भी कायाकल्प हो सकेगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-