ईरान-इजराइल युद्ध के बीच कतर में फंसी उज्जैन की महिला, पति बोले, फोन आया तो वह डरी हुई थी, सीएम ने गृहमंत्री अमित शाह से मांगी मदद

ईरान-इजराइल युद्ध के बीच कतर में फंसी उज्जैन की महिला

प्रेषित समय :17:29:34 PM / Wed, Jun 25th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

पलपल संवाददाता, उज्जैन. ईरान-इजराइल युद्ध के बीच एमपी के उज्जैन की महिला मनीषा भटनागर कतर की राजधानी दोहा में फंसी हुई है. मनीषा कतर एयरवेज में सीनियर केबिन क्रू के पद पर कार्यरत है और तीन साल से दोहा में ही है. मनीषा का परिवार नानाखेड़ा स्थित अभिषेक नगर में रहता है, पति रजत भटनागर साफ्टवेयर इंजीनियर है.

रजत भटनागर का कहना है कि बीती देर रात पत्नी का फोन आया तो वह घबराई हुई थी. पत्नी मनीषा ने बताया कि मिसाइल से अटैक हो रहे हैं, घर के पास आवाजें आ रही हैं. परिजनों ने न्यूज चैनल देखे तो कतर स्थित अमेरिका के सैन्य बेस पर ईरान ने हमला किया है. जिससे काफी दहशत का माहौल बना  हुआ है. कुछ समय बाद फिर रजत ने पत्नी को फोन लगाया लेकिन रिसीव नहीं किया गया. इस कारण से घर परिवार के लोग परेशान हो रहे थे. वहीं दूसरी ओर मामले की खबर मिलने के बाद सीएम मोहन यादव ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात की. उन्होंने शाह से महिला मनीषा भटनागर की सकुशल वापसी के लिए सहयोग का अनुरोध किया. उन्होंने अधिकारियों को भी केंद्र सरकार से संपर्क में रहकर महिला की वापसी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.

हालाता अब सामान्य है, जल्द आएगी वापस-

पति रजत भटनागर का कहना है कि जब पत्नी मनीषा से संपर्क नहीं हो पा रहा था तो युवा मोर्चा से जुड़े कार्तिक से बात की. उन्होंने हमारी बात मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव तक पहुंचाई. इसके बाद सीएम ने तुरंत एक्शन लिया. वहां भी अभी स्थिति सामान्य होने लगी है. मनीषा से भी संपर्क हो गया है. वह जल्द उज्जैन आएगी. उज्जैन प्रशासन से भी फोन आया था. उन्होंने भी जानकारी ली है.

सूचना मिलते ही एम्बेसी को किया ईमेल-

मनीषा के पति रजत ने यह भी कहा मुख्यमंत्री के अलावा इंडियन एम्बेसी, कतर एम्बेसी, पीएमओ, सीएमओ, एविएशन डीजीसी को भी ईमेल किया था. जिसमें मनीषा की सभी जानकारी साझा की है. सीजफायर की न्यूज के बाद कतर सीमा पर स्थिति सामान्य है.

ईरान में फंसा भोपाल का युवक, लौटने से इनकार

राजधानी भोपाल में रहने वाला 30 वर्षीय अबरार चार साल पहले पढ़ाई के लिए ईरान गया था. वहां मासूमा कुम में वो मौलाना बनने की पढ़ाई कर रहा था. तभी इजराइल-ईरान युद्ध शुरू हो गया. ऐसे में वहां रह रहे सभी भारतीय छात्र भारत लौटने के लिए बेताब थे, लेकिन अबरार ने वापस लौटने से इनकार कर दिया.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-