आग्नेय कोण में दर्पण (Mirror) लगाएं ताकि वह दिशा वर्चुयल रूप से पूर्ण लगे

आग्नेय कोण में दर्पण (Mirror) लगाएं ताकि वह दिशा वर्चुयल रूप से पूर्ण लगे

प्रेषित समय :19:48:56 PM / Sat, Jun 28th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

*आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व दिशा / South-East Corner)* वास्तु शास्त्र में अग्नि तत्व से संबंधित होता है. यह अग्नि, ऊर्जा, स्वास्थ्य और स्त्रियों के सौंदर्य तथा रसोई संबंधी कार्यों से जुड़ा होता है.
 *इस दिशा में कोई भी दोष (जैसे कटना या बढ़ जाना)* घर या फैक्ट्री की उर्जा संतुलन को गंभीर रूप से प्रभावित करता है.
*आग्नेय कोण कटने (South-East Corner Cut) के दोष और प्रभाव:*
1. स्वास्थ्य समस्याएं – विशेषकर महिलाओं को स्त्री रोग, त्वचा रोग, थाइरॉइड, आंखों की समस्या हो सकती है.
2. दंपत्ति संबंधों में तनाव – वैवाहिक जीवन में कलह व मतभेद.
3. आग लगने की घटनाएं – इलेक्ट्रिकल शॉर्ट सर्किट, आगजनी की संभावना बढ़ जाती है.
4. धन हानि – बार-बार खर्च, आर्थिक असंतुलन.
5. रसोई संबंधित समस्याएं – भोजन का स्वाद बिगड़ना, गैस या बिजली उपकरणों में खराबी.
*आग्नेय कोण बढ़ने (South-East Corner Extended) के लाभ और हानि:*
*लाभ (यदि सटीक रूप में बढ़ा हो):*
ऊर्जा का प्रवाह अच्छा होता है.
व्यवसायिक स्थलों पर लाभ होता है विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक या अग्नि तत्व संबंधित व्यवसाय (जैसे रसोईगैस, होटल, केटरिंग आदि) में.
महिलाओं में आत्मविश्वास और ऊर्जा बढ़ती है.
*हानि (यदि असंतुलित या अत्यधिक बढ़ा हो):*
अधिक उग्रता या गुस्से की प्रवृत्ति.
मानसिक बेचैनी या जलन.
स्त्रियों में हार्मोनल असंतुलन.
*सुधार के उपाय (Vastu Remedies):*
 *यदि आग्नेय कोण कटा हो:*
1. आग्नेय कोण में दर्पण (Mirror) लगाएं ताकि वह दिशा वर्चुयल रूप से पूर्ण लगे.
2. उस कोने में अग्नि तत्व को सक्रिय करने के लिए वहां लाल बल्ब, लाल रंग या अग्नि यंत्र (Agni Yantra) रखें.
कार्नेलियन (Carnelian) या सिट्रीन (Citrine) crystal का पिरामिड या कॉपर स्वास्तिक उस कटे कोने में लगाएं.
4. रसोई घर यदि दूसरी दिशा में है तो हथेली पर अग्नि तत्व रेखा सक्रिय करने वाले उपाय करें (जैसे दक्षिण-पूर्व में लाल बल्ब हमेशा जलता रहे).
5. वास्तु शांति या अग्नि होम जैसे उपाय करवाना लाभदायक रहेगा.
*यदि आग्नेय कोण बढ़ा हो:*
1. यदि बहुत अधिक बढ़ा हो तो उस भाग का अलग काने के लिए वार्युअली डिवाइड करें.
2. वहां अत्यधिक अग्नि ऊर्जा ना रखें – जैसे गैस चूल्हा, इन्वर्टर, अधिक रोशनी, लाल रंग आदि थोड़ा नियंत्रित करें/ शिफ्ट करें.
3. भूमि के स्तर को सामान्य बनाए रखें (बहुत नीचा या ऊँचा ना हो).

 

Astro nirmal

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-