MP: मां की डांट से नाराज होकर नाबालिगा ने रची अपहरण की झूठी कहानी, घर में पत्र छोड़ा, 14 दिन का वक्त है रुपयों का इंतजाम कर लो

MP: मां की डांट से नाराज होकर नाबालिगा ने रची अपहरण की झूठी कहानी

प्रेषित समय :15:49:47 PM / Mon, Jun 30th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी के जबलपुर स्थित प्रियदर्शनी कालोनी डुमना रोड में रहने वाली नाबालिगा ने मां की डांट से नाराज होकर अपने अपहरण की झूठी कहानी रच डाली. नाबालिगा ने घर में एक पेज का नोट लिखकर छोड़ा, जिसमें कहा गया कि 14 दिन का वक्त है रुपयों का इंतजाम कर लेना. पुलिस ने बच्ची को बरामद कर अपहरण की झूठी कहानी का खुलासा कर दिया.

बताया गया है कि मां द्वारा मोबाइल फोन चलाने, दोस्तों से बातचीत करने व लिपस्टिक लगाने से मना किया था. इस बात से नाराज होकर सातवीं कक्षा में अध्ययनरत बालिका ने अपने अपहरण की साजिश रचते हुए एक नोट छोड़ दिया. बालिका ने मां ने नोट देखा तो उसमें लिखा था कि आपकी बच्ची हमारे पास है. अगर उसे सही-सलामत चाहते हो तो 15 लाख रुपए की व्यवस्था कर लो. परिजनों ने तुरंत खमरिया थाना पुलिस को सूचना दी. इसके बाद अपने स्तर पर तलाश शुरु कर दी.

रिश्तेदारों के घर तक पूछताछ की लेकिन बच्ची का कहीं पता नहीं चल सका. पुलिस अधिकारियों ने कालोनी से लेकर आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे खंगालने शुरू किए. घर के पास चौक पर खड़े ऑटो चालकों से पूछताछ की गई. एक आटो चालक ने बताया कि वह बच्ची को सदर क्षेत्र में छोड़कर आया है. इसके बाद फोटो के आधार पर बच्ची की तलाश शुरु की गई. करीब पांच घंटे बाद बालिका सदर की गली नम्बर 7 में घूमते मिली.  पुलिस को पूछताछ में पता चला कि महिला के पति का करीब 12 साल पहले पति से विवाद हो गया था, जिसके चलते महिला अपनी बेटी को लेकर मां के साथ प्रियदर्शनी कालोनी में रह रही है. बच्ची को मालूम था कि बाहर रहने पर रुपयों की जरुरत पड़ेगी जिसके चलते उसने अपनी मां की गुल्लक तोड़ी और घर से भाग गई.

तो बच्ची के चीथड़े मिलेगे-

पुलिस को पूछताछ में पता चला कि बच्ची ने अपने हाथो से अपहरण का नोट लिखा था, जिसमें लिखा था कि तुम लोगों की बच्ची हमारे पास है. अगर उसे बचाना है तो अगले महीने की 10 तारीख को 15 लाख रुपए लेकर बड़ी खेरमाई मंदिर आ जाना. अगर किसी ने भी पुलिस को खबर की तो बच्ची के चिथड़े तोहफे में मिलेंगे. तुम्हें 14 दिन का वक्त देते हैं, जल्दी से पैसों का इंतजाम करो, वरना अंजाम बुरा होगा.

वह एक महीने बिना डांट-फटकार के रहना चाहती है-

जब नोट की हैंडराइटिंग बच्ची की कॉपी से मिलाई गई तो पुष्टि हो गई कि यह उसी ने लिखा है. पूछताछ में बच्ची ने बताया कि वह एक महीने तक बिना डांट-फटकार के आराम से रहना चाहती थीए इसलिए खुद के अपहरण की कहानी रच डाली.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-