एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के बाद मतदाता सूची पुनरीक्षण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं तृणमूल कांग्रेस नेता और सांसद महुआ मोइत्रा!

एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के बाद मतदाता सूची पुनरीक्षण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं तृणमूल कांग्रेस नेता और सांसद महुआ मोइत्रा!

प्रेषित समय :20:55:59 PM / Sun, Jul 6th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

अभिमनोज
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण  के चुनाव आयोग के आदेश के बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है.
खबरों पर भरोसा करें तो.... एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के बाद बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस नेता और सांसद महुआ मोइत्रा सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं हैं.
खबरें हैं कि.... महुआ मोइत्रा ने  मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग को अन्य राज्यों में भी इसी तरह के पुनरीक्षण आदेश जारी करने से रोके.
खबरों की मानें तो.... महुआ मोइत्रा ने भारत निर्वाचन आयोग के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए अपनी याचिका में कहा है कि वह निर्वाचन आयोग के 24 जून 2025 के उस आदेश को रद्द करने का अनुरोध करती हैं, जिसके तहत संविधान के विभिन्न प्रावधानों का कथित उल्लंघन करते हुए विशेष गहन पुनरीक्षण किया जा रहा है.
इस याचिका के अनुसार, संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत जनहित में दायर वर्तमान रिट याचिका में भारत निर्वाचन आयोग के 24 जून 2025 को जारी आदेश को रद्द करने का आग्रह किया गया है, जिस आदेश के तहत बिहार में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण किया जा रहा है और जो संविधान के अनुच्छेद 14, 19(1)(ए), 21, 325, 328 व जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और निर्वाचक पंजीकरण नियम, 1960 के प्रावधानों का उल्लंघन करता है.
याचिका में कहा गया है कि- यदि इस आदेश को रद्द नहीं किया गया, तो यह देश में बड़े पैमाने पर पात्र मतदाताओं को मताधिकार से वंचित कर सकता है, जिससे लोकतंत्र, स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव कमजोर हो सकते हैं.
खबरों पर भरोसा करें तो.... इस याचिका में कहा गया है कि- देश में यह पहली बार है कि ईसीआई द्वारा इस तरह का अभ्यास किया जा रहा है, जहां उन मतदाताओं से अपनी पात्रता साबित करने के लिए कहा जा रहा है, जिनके नाम पहले से ही मतदाता सूची में हैं या पहले भी कई बार मतदान कर चुके हैं, यह अनुच्छेद 326 के विपरीत है और संविधान के आरपी अधिनियम 1950 द्वारा परिकल्पित नहीं की गई बाहरी योग्यताएं पेश करती है.
उल्लेखनीय है कि.... इस मामले में गैर-सरकारी संगठन ‘एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ भी एक याचिका दायर कर चुका है, जिसमें बिहार में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण के लिए निर्वाचन आयोग के निर्देश को चुनौती दी गई है!

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-