MP : रीवा में 80 मेडिकल छात्राएं बोलीं, गंदा व्यवहार करते हैं डॉक्टर, हरासमेंट के आरोप लगाए, अस्पताल के ईएनटी विभाग में काम बंद

MP : रीवा में 80 मेडिकल छात्राएं बोलीं, गंदा व्यवहार करते हैं डॉक्टर,   हरासमेंट के आरोप लगाए, अस्पताल के ईएनटी विभाग में काम बंद

प्रेषित समय :19:43:00 PM / Mon, Jul 7th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

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पलपल संवाददाता, रीवा। एमपी के रीवा स्थित संजय गांधी अस्पताल में 80 छात्राओं ने ईएनटी विभाग के डाक्टर पर हरासमेंट के आरोप लगाए हैं। छात्राओं ने  कहा कि डॉक्टर उनसे गंदा व्यवहार करता है, इसलिए वे उधर काम नहीं करेंगीं। छात्राओं ने कोलकाता के आरजी कॉलेज में हुए कांड को देखते हुए ड्यूटी करना बंद भी कर दिया।

 छात्राओं द्वारा डॉक्टर की प्राचार्य से की गई लिखित शिकायत के बाद मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने भी छात्राओं की ड्यूटी वहां हटा दी, जिसकी पुष्टि डीन ने की। इधर स्टूडेंट्स के न पहुंचने से मरीजों के इलाज में समस्या आ रही है। नर्सिंग की 80 छात्राओं ने लिखित में कहा है कि डॉ अशरफ छात्राओं के साथ गंदा व्यवहार करते हैं। छात्राओं ने उनके व्यवहार व हाव भाव से स्वयं को असुरिक्षत बताया है। पत्र में कहा है कि डॉ अशरफ का व्यवहार कई बार छात्र को मानसिक रूप से असहज, असुरक्षित व अपमानित करने वाला रहा है। छात्राओं ने शिकायत में कहा है कि उनका व्यवहार मानसिक रूप से प्रताडि़त करने जैसा है। उन्होंने शिकायत में कहा है कि डॉ अशरफ के व्यवहार के चलते क्लीनिकल लर्निंग वातावरण भी प्रभावित हो रहा है। इसके बाद प्राचार्य ने डीन को पत्र लिखकर चिकित्सक की हरकतों से अवगत कराया। छात्राओं को असुरक्षित देखते हुए प्राचार्य ने डीन से इस मामले में उचित कार्यवाही की मांग की है।
एक जांच दल गठित किया
डीन ने मामले में तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है। माना जा रहा है की जांच कमेटी द्वारा अधिष्ठाता को दिए जाने वाले प्रतिवेदन के बाद चिकित्सक की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हालांकि आरोप यह भी हैं उसी विभाग के लोगों को जांच सौंप दी गई है। इस जांच टीम में आंतरिक परिवाद समिति की पीठासीन अधिकारी डॉ शशि जैन, सदस्य डॉ नीरा मराठे, पीएसएमए श्रीमती रीना पटेल स्टाफ नर्स और अशासकीय सदस्य के रूप में कमलेश सचदेवा खुशी फाउंडेशन शामिल हैं। यही मामले की जांच करेंगे।
एक सप्ताह में प्रस्तुत होगा प्रतिवेदन-
खबर है कि डीन डॉ सुनील अग्रवाल ने डॉ अशरफ के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं। इस मामले की जांच महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडऩ अधिनियमन 2013 के तहत गठित आंतरिक परिवाद समिति की टीम करेगी। इस टीम की पीठासीन अधिकारी नेत्र रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ शशि जैन हैं, वह अपनी टीम के साथ मामले की जांच करेंगी। जांच करने के बाद डीन को एक सप्ताह में जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगी। 
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-