अभिमनोज
इस वक्त बिहार में चल रही मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया के खिलाफ एक तरफ विपक्षी दल मुखर हैं और सुप्रीम कोर्ट में याचिका प्रस्तुत करके प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग कर चुके हैं, वहीं, दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट में एक नई जनहित याचिका पेश की गई है, जिसमें पूरे देश में नियमित अंतराल में खासकर लोकसभा, विधानसभा और अन्य स्थानीय चुनाव से पहले मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण कराने का आदेश प्रदान करने की मांग की गई है.
खबरों की मानें तो.... इस याचिका में कहा गया है कि इससे केवल भारतीय नागरिकों का ही देश की राजनीति करना सुनिश्चित होगा, सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय की ओर से सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष प्रस्तुत इस याचिका का जिक्र करते हुए इस पर जल्दी सुनवाई का आग्रह भी किया गया, इस पर अदालत का कहना था कि- याचिका की खामियां दूर करिए मामला सुनवाई पर लगेगा.
खबरों पर भरोसा करें तो.... इस याचिका में वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने अदालत से यह भी मांग की है कि- अदालत सभी राज्यों को निर्देश दे कि वे उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कदम उठाए जो लोग विदेशी घुसपैठियों को गैर-कानूनी और फर्जी दस्तावेज प्राप्त करने में सहयोग प्रदान करते हैं.
खबरें हैं कि.... इस याचिका में गैरकानूनी विदेशियों की घुसपैठ पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा गया है कि- करीब 200 जिलों और 1500 तहसीलों की जनसांख्यिकी गैरकानूनी घुसपैठ के कारण परिवर्तित हो गई है, लिहाजा.... यह केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और चुनाव आयोग का संवैधानिक दायित्व है कि वे यह सुनिश्चित करें कि- केवल वास्तविक भारतीय नागरिक ही लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय चुनाव में मतदान करें, न कि विदेशी तथा इसके लिए समय-समय पर मतदाता सूची का विशेष सघन पुनरीक्षण किया जाना आवश्यक है.
उल्लेखनीय है कि.... इस याचिका में केंद्र सरकार, सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ-साथ चुनाव आयोग व विधि आयोग को भी पक्षकार बनाया गया है!
सुप्रीम कोर्ट में याचिका- बिहार ही नहीं, पूरे देश में वोटर लिस्ट का हो पुनरीक्षण!
प्रेषित समय :19:32:40 PM / Wed, Jul 9th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

