अनिल मिश्र/ पटना
गुरु रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा बोलपुर पश्चिम बंगाल में स्थित शांतिनिकेतन की हिन्दी विभाग की दो छात्राएं बिहार बाल भवन किलकारी गया जी में इंटर्नशिप के लिए आई है . बाल भवन की प्रकृति,बच्चों का किलकारी के प्रति लगाव,बच्चों के लिए निशुल्क प्रशिक्षण प्रक्रिया किलकारी गया जी की चुनौतियां अभिभावकों का विश्वास बच्चों का राष्ट्रीय परिदृश्य पर खड़ा होने जैसे विषय पर प्रशिक्षकों कर्मियों और हर विधा के बच्चों से बातचीत कर डॉक्यूमेंटेशन पर कार्य कर रही है.
वहीं मध्य प्रदेश के जबलपुर की सौम्या पटेल और पश्चिम बंगाल के वर्धमान से रितिका रजक शांति निकेतन में हिन्दी विभाग की द्वितीय वर्ष की छात्राएं हैं . समर प्रोजेक्ट के तहत मगध प्रमंडल के किलकारी में इन्हें शांति निकेतन द्वारा इंटरनशिप के लिए भेजा गया है .नृत्य, संगीत, गायन ,वादन ,मूर्ति कला, चित्रकला ,और हस्तकला के अलावा कराटे के बच्चों से बातचीत के साथ ही स्थानीय कला संस्कृति के बारे में भी जानने को उत्सुक हैं! इसी उत्सुकता से महारानी अहिल्याबाई होल्कर, विष्णु पद मंदिर, गया जी संग्रहालय बोधगया महाबोधि मंदिर ,नदी पहाड़ ,कवि ,लेखक गया के लोग रहन-सहन खान-पान बोलचाल पर भी कई लोगों से इन लोगों ने जानकारी ली किलकारी के प्रमंडल कार्यक्रम समन्वयक राजीव रंजन श्रीवास्तव ने बताया कि बिहार बाल भवन किलकारी और शांतिनिकेतन के बीच आपसी समन्वय है कि 18 बच्चे बिहार के सभी प्रमंडलों के किलकारी में इंटर्नशिप के लिए कार्य कर रहे हैं . शांतिनिकेतन की छात्राएं बहुमुखी प्रतिभा की धनी है! इनका धैर्य देखने लायक है एक सौ बीस घंटे की अवधि के इस इंटर्नशिप में सौम्या और रितिक कहती हैं कि इन्हें बाल भवन किलकारी गया जी बहुत अच्छा लग रहा है .
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