पलपल संवाददाता, जबलपुर। एमपी के जबलपुर में केंट बोर्ड ने मैदानों में धार्मिक, वैवाहिक व अन्य आयोजनों के लिए 5 हजार से 51 हजार रुपए तक का किराया तय कर दिया है। इस तरह के आदेश की खबर मिलते ही कैंट क्षेत्र के लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। लोगों ने इसे तुगलकी फरमान बताते हुए तुरंत वापस लेने की मांग की। जब सुनवाई नहीं हुई, तो मंगलवार को कांग्रेस और साधु.संतों के साथ मिलकर कैंट बोर्ड कार्यालय का घेराव किया गया।
केन्ट बोर्ड द्वारा किराया तय किए जाने के विरोध में आज दोपहर सामाजिक, धार्मिक व राजनीतिक संगठनों के प्रतिनिधि रामलीला मैदान में एकत्र हुए। यहां से धर्मगुरुओं के नेतृत्व में रैली निकाली गई, जो सदर बाजार की गलियों से होती हुई शिवाजी मैदान पहुंची। यहां पर पुलिस ने पहले से बैरिकेडिंग की थी। इसके बाद भी प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी और कैंट बोर्ड कार्यालय तक पहुंचकर जमकर नारेबाजी की। हालांकिए पुलिस बल की मौजूदगी के कारण स्थिति नियंत्रण में रही, केवल हल्की झड़पें हुईं। पूर्व उपाध्यक्ष अभिषेक चौकसे का कहना था कि 2016 में पास एक प्रस्ताव को फरवरी 2025 में स्पेशल बैठक में बदलकर नया शुल्क तय किया गया। पहले धार्मिक आयोजनों पर कोई किराया नहीं था, लेकिन अब सभी आयोजनों को किराए के दायरे में ला दिया गया है। उन्होंने मांग की कि कैंट बोर्ड प्रशासन को बैठक बुलाकर प्रस्ताव पारित करना चाहिएए जिसमें धार्मिक आयोजनों के लिए शिवाजी मैदान और अन्य स्थलों को निरूशुल्क किया जाए। यदि मांगें नहीं मानी गईंए तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। प्रदर्शन में श्री धनुष यज्ञ रामलीला समिति, स्वर्गीय गंगाप्रसाद तिवारी अखाड़ा, कांग्रेस, भाजपा, विश्व हिंदू परिषद, अंतरराष्ट्रीय बजरंग दल, गणेश व दुर्गा उत्सव समितियां तथा अन्य सामाजिक संगठनों ने भाग लिया। इस विरोध में बड़ी संख्या में साधु-संत व धर्मगुरु भी मौजूद रहें, जिन्होंने कैंट बोर्ड के निर्णय को परंपराओं के खिलाफ बताया।
Source : palpalindia
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प्रेषित समय :16:17:53 PM / Tue, Jul 15th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर




