नई दिल्ली. भारत ने अपनी सैन्य ताकत को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाते हुए बड़ी सफलता हासिल की है. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने एक्सटेंडेड ट्रैजेक्टरी-लॉन्ग ड्यूरेशन हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल (ET-LDHCM) का सफल परीक्षण किया है. यह मिसाइल प्रोजेक्ट विष्णु के अंतर्गत विकसित की गई है. इसकी रफ्तार, दूरी और निशाने की सटीकता के चलते यह भारत की रणनीतिक क्षमता को और मजबूत बनाएगी.
एक हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसे DRDO ने पूरी तरह देश में विकसित तकनीक से बनाया है. इसे प्रोजेक्ट विष्णु के तहत तैयार किया गया है, जो भारत के सबसे उन्नत मिसाइल प्रोजेक्ट्स में से एक है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह वर्तमान में मौजूद सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस से कहीं ज्यादा शक्तिशाली और तेज है, जिसे हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल किया गया था.
यह मिसाइल ऐसे समय में तैयार की गई है जब दुनिया में सुरक्षा को लेकर तनाव बढ़ा हुआ है — जैसे इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष और भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव. ऐसे माहौल में यह मिसाइल भारत की सुरक्षा प्रणाली के आधुनिकीकरण का अहम हिस्सा बनकर सामने आई है.
यह मिसाइल 1,000 से 2,000 किलोग्राम तक का पेलोड ले जा सकती है, और पारंपरिक के साथ-साथ परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है. इसे जमीन, समुद्र या वायु से लॉन्च किया जा सकता है. युद्ध के हालात में यह अपनी दिशा भी बदल सकती है, जिससे यह दुश्मन के लिए और भी चुनौतीपूर्ण बन जाती है.
हाइपरसोनिक उड़ान के दौरान मिसाइल का तापमान 2,000 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, जिसे झेलने के लिए इसे खास डिजाइन किया गया है. यह तकनीक केवल रूस, अमेरिका और चीन के पास ही ऑपरेशनल स्तर पर मौजूद है. अगर भारत का यह परीक्षण सफल रहा, तो वह इस खास क्लब में शामिल होने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा. (ET-LDHCM) का मकसद खासतौर पर पाकिस्तान को कड़ा संदेश देना और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करना है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-




