इंदौर. नीट- यूजी की परीक्षा के मामले में स्टूडेंट ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है. इस मामले में आज सुबह 4 बजे ऑनलाइन याचिका दाखिल की गई. एडवोकेट मृदुल भटनागर ने बताया कि हमने आज ही अर्जेंट सुनवाई के लिए मेंशन मांगा था लेकिन सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने इस मामले में अगले सप्ताह सुनवाई तय की है.
श्री भटनागर का कहना है कि 75 में से 47 स्टूडेंट ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है. बाकी स्टूडेंट के सुप्रीम कोर्ट न जाने के अलग-अलग कारण हो सकते हैं. यदि इस मामले की नियमित सुनवाई होगी तो याचिकाकर्ता स्टूडेंट की अलग से काउंसलिंग की जाएगी. गौरतलब है कि एक दिन पहले ही हाईकोर्ट ने नीट यूजी में शामिल हुए याचिकाकर्ता 75 स्टूडेंट की दोबारा परीक्षा कराने की याचिकाएं खारिज कर दी थीं. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने इसी दिन सभी स्टूडेंट का रिजल्ट भी ईमेल पर भेज दिया था.
नीट-यूजी के दौरान बिजली गुल होने के मामले में सोमवार को इंदौर हाईकोर्ट ने प्रभावित 75 से ज्यादा स्टूडेंट्स की दोबारा परीक्षा कराने संबंधी याचिकाएं खारिज कर दीं. हाईकोर्ट ने परीक्षा कराने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की रिट अपील मंजूर करते हुए अपना फैसला सुनाया. इंदौर हाई कोर्ट ने कहा सॉलिसिटर जनरल मेहता ने बताया कि एनटीए इस मामले को एक विरोधी वादी के रूप में नहीं ले रहा है.
छात्र के खिलाफ कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञों की एक समिति गठित करके मामले की जांच की गई थी. समिति की राय के अनुसार पुन: परीक्षा के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया था. इसके मद्देनजर हमें नहीं लगता कि यह नीट-यूजी 2025 की पुन: परीक्षा के लिए उपयुक्त मामला है. अत: एनटीए की रिट अपीलें स्वीकार की जाती हैं. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से भारत सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पक्ष रखा था. उन्होंने कहा था कि 22 लाख स्टूडेंट्स ने एग्जाम दिया है. सभी सेंटर पर माकूल व्यवस्था थी.
जिन सेंटरों पर बिजली गुल होने की बात कही जा रही हैए वहां भी पावर बैकअप था. मामले में स्टूडेंट्स के एडवोकेट मृदुल भटनागर ने कहा था कि एनटीए ने जो रिपोर्ट पेश की है, उसमें तथ्य सही नहीं है. एनटीए ने फीस के नाम 350 करोड़ रुपए लिए हैं. इन सेंटर पर बिजली की पर्याप्त वैकल्पिक व्यवस्था नहीं थी. मौके पर जाकर फिजिकल वेरिफिकेशन भी नहीं किया गया. लंबी बहस में वे सारे तर्क रखे गएए जो पहले भी दोहराए जा चुके हैं. मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला रिजर्व फॉर ऑर्डर रखा है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-




