Aura Farming सोशल मीडिया पर Gen Z की नई पहचान और सौम्यता की कला

Aura Farming सोशल मीडिया पर Gen Z की नई पहचान और सौम्यता की कला

प्रेषित समय :21:28:00 PM / Fri, Jul 25th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

“Aura Farming” एक सोशल मीडिया ट्रेंड है जिसमें लोग अपनी अभिव्यक्ति में सहज, शांत और आकर्षक अंदाज दिखाते हैं—खुद को उजागर किए बिना, साधारण व्यक्ति की तरह. इंडोनेशिया के 11 वर्षीय रेयान अर्कन ढिका ने अपनी शांत मुद्रा में नौका पर डांस करते हुए एक वीडियो पोस्ट किया, जिसने पूरी दुनिया को मंत्रमुग्ध कर दिया. यह प्रतिभा न केवल वायरल हुई बल्कि “#AuraFarming” कैप्शन में एक वैश्विक आंदोलन बन गया. 

यह ट्रेंड अब Gen Z की कैरेक्टर स्टाइल का हिस्सा बन चुका है—जहाँ बड़ी स्टार नहीं, बल्कि आत्म‑विश्वास और स्व‑प्रस्तुति की छोटी झलक वायरल बन जाती है.

ट्रेंड की खास बातें
बिना शब्दों की बातचीत: इसमें कोई संवाद नहीं, लेकिन व्यक्तित्व बोलता है.

स्निग्ध मस्ती से सौम्यता तक: मौलिक हिंदी में कहें तो—फैशन नहीं, फिर भी फैशनेबल.

विचित्र वायरल उत्साह: भारत से लेकर जापान तक, BTS के जंगकुक, ट्रैविस केल्स जैसे सितारों तक—सबने इसे अपनाया. 

क्यों आकर्षित कर रहा है यह ट्रेंड?
युवा वर्ग की आत्म-अभिव्यक्ति: Selfie culture से हटकर, यह खुद को दिखाने की एक शांत लेकिन प्रभावशाली शैली है.

क्रिएटिव फॉर्म: जैसे “जिस्म नहीं, करिश्मा दिखाओ”—कम शब्दों में जादू.

सोशल मीडिया पर वायरलिंग का सहज तरीका: म्यूजिक वीडियो नहीं, एक फ्रेम, एक भाव भी पोस्ट वायरल बना सकता है.

सोशल मीडिया और मेम्स
सोशल प्लेटफॉर्म पर इस ट्रेंड ने meme culture को जन्म दिया:

“Aura Farming challenge में शामिल हो जाओ अगर तुम भी शांत लेकिन स्टाइलिश हो”

“लिड स्टाइलिश कॉफी के टाइम पर सिर्फ aura farming करोगे?”

TikTok और Instagram Reels पर अधिकतर Gen Z ऐसा दिखा रहा है—जहां कोई “ब्लूम” नहीं, फिर भी चमकता है.

Gen Z पर क्या प्रभाव?
यह ट्रेंड superficial glam से हटकर, आत्मविश्वास और सहजता को दिखाता है.

इसे देखने वाले युवा खुद को express करने के नए अंदाज़ में अनुभव करते हैं—लुक्स पर कम, प्रभाव पर ज़्यादा.

यह मानसिक सेहत की तरफ़ भी संकेत करता है: less performance, more presence.

 भविष्य के संकेत
Aura Farming सिर्फ एक ट्रेंड नहीं—यह Gen Z के सोच, सामाजिक व्यंजन और पहचान का हिस्सा बन चुका है. यह दिखाता है:

कैसे क्रिएटिव आइडेंटिटी सोशल मीडिया पर बिना ग्लैमर, फिर भी प्रभावी हो सकती है.

कैसे युवा वर्ग Self-actualization की ओर बढ़ रहा है, जहाँ पहचान शब्दों और रंगों में नहीं, भावनाओं में होती है.

यह ट्रेंड आने वाले वर्षों में व्यक्तिगत ब्रांडिंग, विचारशील आत्म-अभिव्यक्ति, और युवा संस्कृति की नयी शैली को आकार दे सकता है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-