MP: उज्जैन में नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने लगी रही दो किमी लम्बी लाइन, 7 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने लगी रही दो किमी लम्बी लाइन

प्रेषित समय :20:56:01 PM / Tue, Jul 29th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

पलपल संवाददाता, उज्जैन. मध्यप्रदेश के उज्जैन में श्री महाकालेश्वर मंदिर की तीसरी मंजिल पर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट रात 12 बजे खोले गए. महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत श्री विनीत गिरी महाराज ने त्रिकाल पूजन किया. इसके बाद श्रद्धालुओं के लिए दर्शन का सिलसिला शुरू हुआ. शाम 6 बजे तक 7 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे.

यहां पर बारिश के बाद भी गेट नंबर 4 पर भक्तों की 2 किमी लंबी लाइन लगी रही. श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट हर साल सिर्फ एक बार नागपंचमी के दिन 24 घंटे के लिए खोले जाते हैं. क्राउड मैनेजमेंट व सिक्योरिटी के लिए 200 वरिष्ठ अधिकारी, 2500 कर्मचारी, 1800 पुलिसकर्मी व 560 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे. आज दोपहर 12 बजे महानिर्वाणी अखाड़ा की ओर से पूजन किया गया. शाम को भगवान महाकाल की आरती के बाद पुजारियों व पुरोहितों द्वारा अंतिम पूजा की गई. इसके बाद रात 12 बजे नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट एक साल के लिए बंद कर दिए जाएंगे.

11वीं शताब्दी की दुर्लभ प्रतिमा-

श्री नागचंद्रेश्वर की प्रतिमा 11वीं शताब्दी की मानी जाती है. इसमें शिव व पार्वती, फन फैलाए नाग के आसन पर विराजमान हैं. शिव नाग शैय्या पर लेटे हैं. मां पार्वती व भगवान श्रीगणेश की प्रतिमाएं बैठी मुद्रा में हैं. प्रतिमा में सप्तमुखी नाग देवताए नंदी और सिंह भी हैं. शिव के गले और भुजाओं में नाग लिपटे हैं. श्री महाकालेश्वर मंदिर की संरचना तीन खंडों में है. सबसे नीचे महाकालेश्वर का गर्भगृह, दूसरे खंड में ओंकारेश्वर मंदिर जबकि तीसरे व शीर्ष खंड पर श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर है. इतिहासकारों के अनुसार इस मंदिर का निर्माण परमार वंश के राजा बोजराजा ने 1050 ईस्वी के आसपास कराया था. 1732 ईस्वी में सिंधिया राजघराने के महाराज राणोजी सिंधिया ने महाकाल मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया. माना जाता है कि श्री नागचंद्रेश्वर की प्रतिमा नेपाल से लाकर मंदिर में स्थापित की गई थी.

नांगलवाड़ी में 6 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे-

सेंधवा के नांगलवाड़ी में श्रद्धालु बारिश के बीच साढ़े तीन किमी का पहाड़ी रास्ता पैदल तय कर भिलटदेव के दर्शन करने पहुंचे. मुख्य पुजारी राजेंद्र बाबा ने कहा कि इस साल मंगलवार के दिन नागपंचमी आई है. मंगलवार को बाबा भिलटदेव का दिन माना जाता है. ऐसे में आज 6 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे है.  

पचमढ़ी का नागलोक 1 साल के लिए बंद-

पचमढ़ी स्थित नागलोक जिसे नागद्वार भी कहा जाता है. आज नागपंचमी के बाद श्रद्धालुओं के लिए एक साल के लिए बंद हो जाएगा. सतपुड़ा के घने जंगलों और पहाडिय़ों के बीच स्थित यह प्राचीन गुफा पद्मशेष महाराज का निवास मानी जाती है. मंगलवार को दर्शन का अंतिम दिन है. इसके बाद नागद्वार यात्रा और दर्शन के लिए अब श्रद्धालुओं को अगले वर्ष का इंतजार करना होगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-