पलपल संवाददाता, उज्जैन. एमपी के उज्जैन में निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद पुरी ने कहा है कि घर में साईं की मूर्ति है तो कुएं में फेंक दो, फोटो है तो आग लगा दो. 84 करोड़ देवी-देवताओं को छोड़कर एक मुस्लिम की पूजा करेंगे, तो हमारे धर्म का क्या होगा.
प्रेमानंद पुरी ने कहा कि कई मंदिरों में साईं की मूर्ति लगी है, इसे हटा देना चाहिए. किसी पीर की पूजा क्यों की जाए, मंदिरों में आए, दान से कसाई खाने की व्यवस्था चल रही है. पंचकोशी मार्ग स्थित होटल में 25 जुलाई से श्रीमद् भागवत कथा चल रही है. यहीं स्वामी प्रेमानंद पुरी ने ये बातें कहीं.
मंदिरों में प्रवेश के लिए हिंदू कार्ड बनवाए जाएं-
प्रेमानंद पुरी ने कहा कि तेलंगाना में कुछ स्थानों पर मंदिरों के दान के रुपए से कसाई खाने चल रहे हैं. कसाई खाने तक पहुंचने के लिए सड़कें भी दान के रुपए से बनाई जा रही हैं. मंदिरों में प्रवेश के लिए हिंदू कार्ड बनवाए जाएं. वहां हिंदू कार्ड प्रणाली लागू की जाए और बिना कार्ड के किसी को प्रवेश न दिया जाए.
महाकाल मंदिर को फिर अखाड़ों को सौंपा जाए-
कथा के दौरान महामंडलेश्वर ने महाकाल मंदिर का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि देशभर के मंदिरों पर सरकारी अधिग्रहण है. इन्हें मुक्त करने के लिए पीएम को एक पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि पहले महाकाल मंदिर महानिर्वाणी अखाड़े के नियंत्रण में था बाद में सरकार ने अधिग्रहण कर लिया. उन्होंने मांग की कि मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करें और उन्हें फिर से अखाड़ों के हवाले करें.
साईं मूर्तियों का विरोध कब और कैसे शुरु हुआ-
गौरतलब है कि अक्टूबर 2015 में शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने मंदिरों में साईं पूजा के खिलाफ अभियान शुरू किया था. इस अभियान में हिंदुओं से कहा गया कि वे साईं बाबा की पूजा न करें क्योंकि वो हिंदू नहीं मुसलमान थे. स्वरूपानंद सरस्वती ने साईं बाबा को चांद मियां कहते हुए उनके खिलाफ विवादित पोस्टर जारी किया. इस पोस्टर में भगवान हनुमान टूटे हुए पेड़ को लेकर साईं को भगाते हुए दिख रहे थे. लिखा था कि हनुमान जी ने क्रोधित होकर साईं चांद मियां को खदेड़ा. स्वरूपानंद ने साईं बाबा ट्रस्ट पर आरोप लगाते हुए कहा था कि ट्रस्ट हिंदू धर्म को बिगाडऩे के लिए जिम्मेदार है, क्योंकि वो साईं बाबा को भगवान हनुमान व दूसरे हिंदू देवताओं से ऊपर दिखा रहा है. साई बाबा का असली नाम चांद मियां था, जो अब नहीं रहे. हम उन्हें भगवान के रूप में नहीं मानते हैं.
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था, साई बाबा हिन्दू देवता नहीं है, संत-फकीर कहा जा सकता है-
अप्रैल 2023 में बागेश्वर धाम के महंत पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भी साईं पूजा का विरोध किया था. शास्त्री ने कहा था कि साईं बाबा हिंदू देवता नहीं हैं. उन्हें संत या फकीर कहा जा सकता है, लेकिन भगवान का दर्जा नहीं दे सकते. कोई गिद्ध शेर बनने का नाटक नहीं कर सकता. हमारे धर्म के शंकराचार्य जी ने साईं बाबा को देवता का स्थान नहीं दिया. शंकराचार्य हिंदू धर्म के प्रधानमंत्री हैं. इसलिए उनका पालन करना हर सनातनी का कर्तव्य है. हमारे धर्म के कोई भी संत, चाहे वो गोस्वामी तुलसीदास हों या सूरदास जी. सभी संत व महान व्यक्ति थे, लेकिन भगवान नहीं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

