नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा की याचिका को खारिज कर दिया. इस याचिका में जस्टिस वर्मा ने कैश कांड को लेकर उनके खिलाफ की गई कार्रवाई को चुनौती दी थी.
दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस वर्मा ने उनके घर जले नकदी नोट मामले में इन-हाउस कमेटी की रिपोर्ट और महाभियोग की सिफारिश रद्द करने की अपील की थी. रिपोर्ट में जस्टिस वर्मा को दोषी ठहराया गया है.
जस्टिस वर्मा- घर से नोट मिलना साबित नहीं करता कि ये मेरे थे
18 जुलाई को जस्टिस वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसमें उन्होंने तर्क दिया था कि उनके आवास के बाहरी हिस्से में कैश बरामद होने मात्र से यह साबित नहीं होता कि वे इसमें शामिल हैं, क्योंकि आंतरिक जांच समिति ने यह तय नहीं किया कि नकदी किसकी है या परिसर में कैसे मिली. समिति के निष्कर्षों पर सवाल उठाते हुए उनका तर्क दिया है- ये अनुमान पर आधारित है. याचिका में जस्टिस वर्मा का नाम नहीं है, बल्कि सुप्रीम कोर्ट डायरी में इसे एक्सएक्सएक्स बनाम भारत सरकार व अन्य के टाइटल से दर्ज किया गया है.
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