भारत में रोजगार के परिदृश्य में अगस्त 2025 का महीना कई नई संभावनाओं और संकेतों को लेकर आया है. नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, इस समय जहां आईटी और टेक्नोलॉजी सेक्टर लगातार चुनौतियों का सामना कर रहा है, वहीं गैर-आईटी क्षेत्रों ने उम्मीद से कहीं अधिक बेहतर प्रदर्शन किया है. विशेषकर बीमा, आतिथ्य और सेवा उद्योग से जुड़ी नौकरियों में तेजी देखी जा रही है. रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि एआई और मशीन लर्निंग आधारित भूमिकाओं के साथ-साथ गैर-आईटी क्षेत्रों में 3.4% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई है, जो रोजगार बाजार में एक सकारात्मक संकेत मानी जा रही है.
महामारी के बाद से आईटी क्षेत्र में छंटनी और धीमी भर्ती की खबरें लगातार सुर्खियों में रही हैं. कई बड़ी टेक कंपनियां लागत में कटौती और ऑटोमेशन पर निर्भरता बढ़ा रही हैं, जिससे नए अवसर सीमित हो रहे हैं. इसके विपरीत, बीमा और आतिथ्य जैसे क्षेत्रों ने अपने विस्तार की गति तेज की है. बीमा उद्योग में डिजिटल पॉलिसियों की बढ़ती मांग और स्वास्थ्य बीमा योजनाओं में विस्तार ने नए रोजगार खोले हैं. वहीं आतिथ्य उद्योग, जो लंबे समय तक महामारी के प्रभाव से जूझता रहा, अब तेजी से वापसी कर रहा है. होटल, रेस्तरां और ट्रैवल कंपनियां नई भर्ती में सक्रिय हो गई हैं.
सोशल मीडिया और प्रोफेशनल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म्स पर इन बदलावों की झलक साफ दिखाई देती है. लिंक्डइन पर बीमा और हॉस्पिटैलिटी से जुड़ी जॉब पोस्टिंग्स की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. युवाओं की रुचि भी धीरे-धीरे आईटी सेक्टर से हटकर इन क्षेत्रों की ओर बढ़ती दिख रही है. कई कैरियर काउंसलर मानते हैं कि अब नौकरी चाहने वालों को आईटी तक सीमित सोच छोड़कर नए विकल्पों की तलाश करनी चाहिए, क्योंकि आर्थिक परिदृश्य बदल चुका है और कंपनियों की प्राथमिकताएं भी.
एआई और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में भी नौकरियों का ग्राफ ऊंचा हुआ है. हालांकि यह आईटी का हिस्सा माना जाता है, लेकिन कई गैर-आईटी क्षेत्रों में इन तकनीकों के उपयोग ने नए पद सृजित किए हैं. उदाहरण के लिए, बीमा कंपनियां जोखिम आकलन और ग्राहक डेटा विश्लेषण के लिए एआई विशेषज्ञों की भर्ती कर रही हैं. इसी तरह आतिथ्य क्षेत्र में ग्राहक सेवा को बेहतर बनाने और व्यक्तिगत अनुभव उपलब्ध कराने के लिए एआई का प्रयोग तेजी से बढ़ा है. इससे यह स्पष्ट होता है कि अब तकनीक और गैर-आईटी क्षेत्रों का संगम नए अवसरों का द्वार खोल रहा है.
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी नौकरी के अवसर बढ़े हैं. पहले जहां अधिकांश अवसर मेट्रो शहरों तक सीमित रहते थे, वहीं अब छोटे शहरों में बीमा कंपनियों की शाखाएं खुल रही हैं और ट्रैवल-हॉस्पिटैलिटी व्यवसाय भी अपनी पहुंच बढ़ा रहा है. इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिल रहा है और बड़े शहरों की ओर पलायन का दबाव कुछ हद तक कम हो रहा है.
नियोक्ताओं का कहना है कि कर्मचारियों में अब केवल तकनीकी कौशल ही नहीं, बल्कि संवाद कौशल, ग्राहक प्रबंधन और समस्या समाधान क्षमता की भी मांग बढ़ी है. बीमा और आतिथ्य क्षेत्रों में ग्राहकों से सीधे जुड़ाव होता है, इसलिए कंपनियां ऐसे युवाओं को प्राथमिकता दे रही हैं जो तकनीक के साथ-साथ ग्राहक सेवा में दक्ष हों. यह रुझान शिक्षा प्रणाली के लिए भी संकेत है कि पाठ्यक्रमों में इन क्षेत्रों की मांग के अनुरूप बदलाव जरूरी हैं.
विश्लेषकों का मानना है कि रोजगार बाजार का यह नया संतुलन भारतीय अर्थव्यवस्था की विविधता को मजबूत करेगा. अब तक आईटी क्षेत्र पर अत्यधिक निर्भरता ने रोजगार के विकल्पों को सीमित कर दिया था. लेकिन जैसे-जैसे बीमा, हॉस्पिटैलिटी, हेल्थकेयर और अन्य सेवाओं के क्षेत्र बढ़ेंगे, युवाओं को अपनी योग्यता के अनुसार कई अवसर मिल सकेंगे.
सरकारी नीतियों का भी इसमें अहम योगदान माना जा रहा है. बीमा क्षेत्र में नियमों में ढील और नई कंपनियों के प्रवेश से प्रतिस्पर्धा बढ़ी है, जिससे नौकरियों की संख्या में वृद्धि हुई है. पर्यटन और आतिथ्य को बढ़ावा देने के लिए सरकार की योजनाओं ने भी रोजगार सृजन में योगदान दिया है. आने वाले महीनों में त्योहारों और छुट्टियों के मौसम में इन क्षेत्रों में भर्ती और तेज होने की उम्मीद है.
युवाओं के दृष्टिकोण से यह समय बदलाव का है. पहले जहां बीमा या होटल मैनेजमेंट को करियर विकल्प के रूप में ज्यादा आकर्षक नहीं माना जाता था, वहीं अब ये क्षेत्र स्थायी रोजगार और विकास की संभावना दिखा रहे हैं. सोशल मीडिया पर युवाओं की प्रतिक्रियाओं में भी यह झलक दिखाई देती है कि वे अब नए क्षेत्रों में करियर बनाने के लिए तैयार हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, कुल मिलाकर अगस्त 2025 में रोजगार बाजार ने सकारात्मक रुख दिखाया है. हालांकि आईटी क्षेत्र में अस्थिरता अभी भी चिंता का विषय बनी हुई है, लेकिन गैर-आईटी क्षेत्रों की वृद्धि ने इस कमी को कुछ हद तक पूरा कर दिया है. अगर आने वाले महीनों में यह रुझान जारी रहा, तो भारत का रोजगार परिदृश्य और भी संतुलित और बहुआयामी हो जाएगा.
कुल मिलाकर, अगस्त 2025 की रिपोर्ट यह संदेश देती है कि नौकरी के रुझानों में अब बड़ा बदलाव हो चुका है. गैर-आईटी क्षेत्र की चमक यह बताती है कि युवाओं को अपनी सोच का दायरा बढ़ाना होगा और आईटी के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी अवसर तलाशने होंगे. बीमा, आतिथ्य और सेवा उद्योग की तेजी यह साबित करती है कि भारतीय रोजगार बाजार नई दिशा में आगे बढ़ रहा है और आने वाले समय में यह बदलाव और गहरा होगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

