टेरर फंडिंग के मामले में धनबाद के वासेपुर में एनआईए का छापा, नकदी नोट गिनने के लिए मंगानी पड़ी मशीन

टेरर फंडिंग के मामले में धनबाद के वासेपुर में एनआईए का छापा, नकदी नोट गिनने के लिए मंगानी पड़ी मशीन

प्रेषित समय :21:51:39 PM / Tue, Sep 16th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

अनिल मिश्र/रांची 

झारखंड प्रदेश के धनबाद जिला मुख्यालय के कुछ दूरी पर बसे वासेपुर इलाके में आज मंगलवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आतंकी फंडिंग से जुड़े एक बड़े मामले में छापेमारी किया है l इस छापेमारी में उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वाड एटीएस की टीम भी इस कार्रवाई में शामिल रही.इस छापेमारी का मुख्य निशाना नूरी मस्जिद के पास रहने वाले जमीन कारोबारी और गोविंदपुर प्रज्ञा केंद्र के संचालक शाहबाज अंसारी उर्फ शाहबाज अंसारी का घर रहा lएनआईए की टीम ने इनके आवास की बारीकी से तलाशी लिया है l जिसमें भारी मात्रा में नकदी रूपए बरामद होने की पुष्टि हुई है l  इस नकदी की गिनती के लिए धनबाद पुलिस ने नोट गिनने की मशीनों के साथ मौके पर पहुंचकर सहयोग का कार्य किया है.

एक अधिकारी के अनुसार, यह छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के आरोपों पर आधारित है. शाहबाज अंसारी पर आतंकी संगठनों से जुड़े फंड्स को जमीन खरीद-बिक्री के जरिए सफेद करने का शक है l इस संबंध में एनआईए को मिली खुफिया जानकारी के आधार पर यह ऑपरेशन अंजाम दिया गया है, ..जिसमें दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और बैंक रिकॉर्ड जब्त किए गये हैंl उत्तर प्रदेश एटीएस की भागीदारी से संकेत मिलता है कि मामला अंतरराज्यीय टेरर नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है l जिसमें पाकिस्तान समर्थित संगठनों का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है l छापेमारी के वक्त भारी संख्या में सुरक्षा व्यवस्था तैनात की गई l

समाचार लिखे जाने तक उत्तर प्रदेश एटीएस, झारखंड पुलिस, धनबाद जिला पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की टीमें शाहबाज के घर के आसपास डेरा डाले हुए हैं. इस छापेमारी के दौरान इस इलाके में तनाव का माहौल रहा, लेकिन किसी तरह की अप्रिय घटना की कोई रिपोर्ट अभी तक प्राप्त नहीं हुई है. इस बीच एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि तलाशी से कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं, जिनकी फॉरेंसिक जांच की जा रही है lशाहबाज अंसारी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है, और उनके परिजनों से भी बयान दर्ज किए जा रहे हैं. गौरतलब हो कि यह घटना वासेपुर के संवेदनशील इतिहास को फिर से उजागर करती है. इसके पहले  अप्रैल  माह में  भी झारखंड एटीएस ने वासेपुर सहित धनबाद के कई इलाकों में छापेमारी किया था lउस ऑपरेशन में पाकिस्तानी आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन और द रेसिस्टेंस फ्रंट से जुड़े छह संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें युसुफ, कौसर, गुलफाम, अयान, शहजाद और शबनम शामिल थे. यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले (अप्रैल 2025) से जुड़ी थी lजिसमें 26 पर्यटकों की हत्या हुई थी l

एनआईए की प्रारंभिक रिपोर्ट में पाकिस्तान की आईएसआई की संलिप्तता का जिक्र था. उस समय वासेपुर, पांडरपाला, आजाद नगर और भूली जैसे इलाकों में छापेमारी किया गया था.जहां से अवैध हथियार और डार्क वेब से जुड़े सामग्री  बरामद हुई थीं.अब सवाल उठ रहे हैं कि अंचल कार्यालयों में आतंकी संगठनों से जुड़े लोग कैसे कार्यरत हैं? विशेषज्ञों का मानना है कि टेरर फंड्स का इस्तेमाल धनबाद-कोयलांचल क्षेत्र में जमीन खरीदने के लिए हो रहा है. इससे आतंकी तत्व यहां बस सकते हैं, भारतीय नागरिकता हासिल कर सकते हैं और स्लीपर सेल्स स्थापित कर सकते हैं lएनआईए के पास मलेशिया और गल्फ देशों से फंडिंग के चैनल्स का सुराग मिला है, जो टीआरएफ जैसे संगठनों को मजबूत कर रहे हैं.धनबाद जैसे कोयला-समृद्ध क्षेत्र में ऐसी गतिविधियां राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं.सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है.केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों को अलर्ट जारी किया है, जबकि एनआईए पूरे देश में समानांतर जांच तेज कर रही है. सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में टेरर फंडिंग मामलों में सख्ती बरतने का निर्देश दिया है. इधर स्थानीय निवासियों ने सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है, ताकि वासेपुर फिर से ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ की छवि से न जुड़े.एनआईए की जांच जारी है, और जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं. यह कार्रवाई देशव्यापी टेरर नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैl

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-