नई दिल्ली. भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने बुधवार को एक अहम बदलाव की घोषणा करते हुए कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव से शुरू होकर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर इस्तेमाल किए जाने वाले बैलेट पेपर्स का स्वरूप और अधिक स्पष्ट, आकर्षक और मतदाता-अनुकूल बनाया जाएगा. इस पहल का उद्देश्य मतदाताओं को उम्मीदवारों की पहचान और नाम पढ़ने में आसानी प्रदान करना है.
निर्वाचन आयोग ने बताया कि अब से बैलेट पेपर पर सभी उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरें प्रकाशित की जाएंगी. तस्वीर का तीन-चौथाई हिस्सा केवल चेहरे का होगा ताकि उम्मीदवार की पहचान और स्पष्ट दिखाई दे. आयोग का मानना है कि यह बदलाव खासतौर पर उन मतदाताओं के लिए सहायक होगा, जिन्हें नाम पढ़ने में कठिनाई होती है या जो दृश्य रूप से पहचान कर आसानी से मतदान करना चाहते हैं.
इसके अलावा आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि बैलेट पेपर पर सभी उम्मीदवारों के नाम, जिनमें नोटा (NOTA) विकल्प भी शामिल है, समान फॉन्ट और बड़े आकार में छापे जाएंगे. अब तक अक्सर उम्मीदवारों के नाम छोटे अक्षरों में छपने के कारण पढ़ने में कठिनाई होती थी. नए दिशानिर्देशों के अनुसार अब फॉन्ट साइज़ इतना बड़ा होगा कि हर मतदाता आसानी से पढ़ सके.
यह बदलाव नियम 49B, चुनाव आचरण नियमावली 1961 के तहत आयोग द्वारा जारी की गई संशोधित गाइडलाइंस का हिस्सा है. आयोग ने कहा कि यह कदम चुनावी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, भरोसेमंद और सभी वर्गों के लिए सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम है.
आयोग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पिछले छह महीनों में 28 सुधारात्मक कदम उठाए गए हैं ताकि चुनाव प्रक्रिया को आधुनिक, पारदर्शी और मतदाता-केंद्रित बनाया जा सके. इनमें मतदान केंद्रों पर बेहतर सुविधाएँ, दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष इंतज़ाम, वोटर हेल्पलाइन सेवाओं में सुधार और अब बैलेट पेपर्स का नया स्वरूप शामिल है.
विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल ग्रामीण और अशिक्षित मतदाताओं के लिए भी काफी मददगार साबित होगी. रंगीन तस्वीरें और बड़े फॉन्ट न केवल उम्मीदवारों की पहचान को आसान बनाएंगे, बल्कि वोट डालने की प्रक्रिया को तेज और सरल भी करेंगे. साथ ही, चुनाव आयोग का यह निर्णय मतदाताओं के विश्वास को और मजबूत करेगा.
चुनाव आयोग लंबे समय से इस दिशा में प्रयासरत था कि EVM बैलेट पेपर को अधिक “वोटर-फ्रेंडली” बनाया जाए. पहले यह शिकायतें आती थीं कि छोटे अक्षरों और श्वेत-श्याम तस्वीरों के कारण कई बार मतदाताओं को भ्रम की स्थिति का सामना करना पड़ता था. बिहार चुनाव से इस नई पहल की शुरुआत करके आयोग ने स्पष्ट संकेत दिया है कि आगे आने वाले सभी राज्यों और लोकसभा चुनावों में भी यही स्वरूप अपनाया जाएगा.
बिहार विधानसभा चुनावों में पहली बार लागू होने जा रहा यह बदलाव लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और सशक्त करेगा. आयोग का दावा है कि इससे मतदान दर पर सकारात्मक असर पड़ेगा, क्योंकि अधिक स्पष्ट और आकर्षक बैलेट पेपर मतदाताओं को मतदान प्रक्रिया में भागीदारी के लिए प्रेरित करेंगे.
चुनाव आयोग की यह पहल केवल तकनीकी सुधार नहीं है, बल्कि यह मतदाताओं को सशक्त बनाने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी तथा विश्वसनीय बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. आने वाले चुनावों में इसका प्रभाव साफ़ तौर पर दिखाई देगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

